वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में सफलता हासिल हुई है कि स्मार्टफोन एवं कंप्यूटर से निकलने वाली कृत्रिम रोशनी कैसे आपकी नींद को प्रभावित करती हैं। अब इन परिणामों के जरिए माइग्रेन अनिद्रा जेट लैग और कर्काडियन रिदम विकारों के नये इलाज खोजने में मदद मिल सकती है। ये भी पढ़ेंः स्मार्टफोन एडिक्शन है खतरनाक! जानें कैसे पा सकते हैं इससे निजात। अमेरिका के साल्क इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि आंखों की कुछ कोशिकाएं आस-पास की रोशनी को संसाधित करती हैं और हमारे बॉडी क्लॉक (कर्काडियन रिदम के तौर पर पहचान पाने वाली शारीरिक प्रक्रियाओं का रोजाना का चक्र)