• हिंदी

अल्‍जाइमर्स से बचना है तो हर रोज करें ध्‍यान का अभ्‍यास

अल्‍जाइमर्स से बचना है तो हर रोज करें ध्‍यान का अभ्‍यास
The number of Vipassana practitioners is growing worldwide.

सिर्फ बुजुर्गों ही नहीं नौकरीपेशा अधेड़ उम्र लोगों को भी मेमोरी संबंधी समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए विशेषज्ञ ध्‍यान के अभ्‍यास की सलाह देते हैं।

Written by Yogita Yadav |Published : September 20, 2019 4:29 PM IST

21 सितंबर को दुनिया भर में विश्‍व अल्‍जाइमर्स दिवस (World Alzheimer's Day) मनाया जाता है। यह दुनिया भर में बढ़ती जा रही एक खतरनाक बीमारी है। जिसमें मेमोरी आश्‍यचर्यजनक रूप से कम होती जाती है। अमूमन यह उम्र के साथ बढ़ने वाली बीमारी है। पर आजकल तनाव, खराब लाइफस्‍टाइल और अन्‍य आनुवांशिक कारणों के कारण किशोरों और बच्‍चों में भी इसकी दस्‍तक महसूस होने लगी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आप हर रोज 10 मिनट ध्‍यान यानी मेटिटेशन का अभ्‍यास करें, तो इससे काफी हद तक बचा जा सकता है।

क्‍या है अल्‍जाइमर्स बीमारी (Alzeimer's disease)

अल्‍जाइमर मस्तिष्‍क से संबंधित एक विकार है। इसमें ब्रेन फंक्‍शन प्रभावित होता है। इसमें मस्तिष्‍क के किसी एक खास हिस्‍से की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। जिससे व्‍यक्ति की याद्दाश्‍त धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। इसके कारण उसे अपने दैनिक कार्यों को करने में भी परेशानी होने लगती है। एक समय ऐसा भी आता है कि इससे ग्रस्‍त व्‍यक्ति अपना नाम तक भूलने लगता है।

जरूरी है जागरुकता

यह किसी भी तरह से पागलपन या अन्‍य कोई समस्‍या नहीं है। यह मेमोरी के लॉस होने की बीमारी है। इससे ग्रस्‍त होने पर व्‍यक्ति पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हो जाता है। ऐसे में परिवार और दोस्‍तों के सहयोग की बहुत ज्‍यादा जरूरत है। इसी मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने के उद्देश्‍य से दुनिया भर में 21 सितंबर को विश्‍व अल्‍जाइमर्स दिवस मनाया जाता है।

Also Read

More News

मेडिटेशन से कम होता है अल्‍जाइमर्स का जोखिम 

बदलती जीवन शैली में तनाव बहुत ज्‍यादा बढ़ गया है। जिसकी वजह से मेंटल हेल्‍थ बहुत ज्‍यादा प्रभावित हो रही है। सिर्फ बुजुर्गों ही नहीं नौकरीपेशा अधेड़ उम्र लोगों को भी मेमोरी संबंधी समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए विशेषज्ञ ध्‍यान के अभ्‍यास की सलाह देते हैं। हर रोज कम से कम दस मिनट ध्‍यान यानी मेडिटेशन करने से तनाव से मुक्ति मिलती है।

ध्‍यान के लाभ

  • हर रोज नियमित रूप से मेडिटेशन यानी ध्‍यान करने से आप तनाव मुक्‍त हो जाते हैं। हर रोज दिन भर के काम के लिए आपको जिस पॉजीटिव एनर्जी की जरूरत होती है, उसमें ध्‍यान मदद करता है।
  • सुखासन या पद्मासन में दस मिनट ध्‍यान लगाकर बैठने से आपके ब्रेन की उन कोशिकाओं को मरम्‍मत करने का समय मिलता है, जो तनाव के कारण निष्क्रिय होने लगती हैं।
  • इस अवस्‍था में आपको सबकुछ छोड़कर केवल अपने श्‍वास पर ध्‍यान केंद्रित करना है। ताकि आपका मस्तिष्‍क रिलैक्‍स फील कर सके।

जानें क्‍यों मनाया जाने लगा है विश्व भर में अल्जाइमर दिवस

अल्‍जाइमर के इलाज में काम आएंगी ये दो भारतीय औषधियां