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डेंगू बुखार का कहर भारत ही नहीं पड़ोस के अन्य देशों में भी लोगों को परेशान कर रहा है. इस बीच एक शोध ने और भी चिंता बढ़ा दी है. शोध के अनुसार अगर इंसान के खून में आयरन की कमी है तो डेंगू वायरस फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि इससे बचने के लिए डेंगू वायरस से निपटने के लिए मरीज को नियमित तौर पर आयरन सप्लीमेंट लेने की जरूरत होती है.
डेंगू फीवर मादा एडीज मच्छर के काटने के बाद फैलने वाले वायरस से होता है. शरीर में आयरन की कमी की वजह से एनिमिया के लक्षण होते हैं. खून में आयरन की कमी की वजह से डेंगू वायरस फैलने की संभावना अधिक होती है. इस विषय पर अभी और शोध की जरूरत है.
मादा एडीज मच्छर काटने के 15 दिन बाद से शरीर में डेंगू वायरस सक्रिय हो जाता है. अगर शरीर में डेंगू वायरस शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में हो जाता है तो डेंगू फीवर होने लगता है. डेंगू बुखार में इंसान को तेज बुखार होता है.
बुखार के बाद शरीर में कई अन्य लक्षण दिखाई देते हैं. कई बार डेंगू और चिकनगुनिया में पहचान करना मुश्किल भी होता है. इसके लिए इन लक्षणों को विशेष तौर पर ध्यान में रखना चाहिए.
ठंड लगने के साथ तेज बुखार और शरीर में दर्द.
जोड़ों में तेज दर्द, सिर और शरीर में भी दर्द होता है.
बहुत ज्यादा कमजोरी लगना और खाने का मन न करना.
कुछ लोगों में ब्लड प्रेशर बहुत लो हो जाता है.
कई बार डेंगू बुखार में शरीर में लाल चकत्ते और रैशेज भी देखने को मिलते हैं.
अगर आपको डेंगू वायरस के चपेट में आने से बचना है तो कुछ सामान्य से उपाय करने होते हैं. सबसे पहला काम तो आपको यह करना है कि मच्छर आपको न काटने पायें. इसके लिए जहां आप रहते हैं वहां मच्छरों का सफाया करते रहें.
अगर आप डेंगू के शिकार हो गये हैं तो घबराएं नहीं. डेंगू वायरस का असर 7 दिनों तक रहता है. अगर परेशानी ज्यादा गंभीर है तो अस्पताल में एडमिट होना चाहिए. डेगूं बुखार आने पर कभी भी दर्द की दवा न लें. बुखार उतारने के लिए साधारण पैरासिटामॉल ही खाना सुरक्षित रहता है.