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पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई (मेन्सट्रुअल हाइजीन) हर महिला के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पीरियड्स के दौरान उचित देखभाल में सही उत्पादों (मेन्स्ट्रूअल प्रॉडक्ट्स) का उपयोग करना और उन्हें नियमित रूप से बदलना शामिल है। अवनि की सह संस्थापक और सीईओ सुजाता पवार का कहना है कि महिलाओं को अभी भी ये जानकारी नही है कि उन्हें पूरे दिन में पैड कितनी बार बदलना चाहिए, जिसकी जानकारी होना जरूरी है क्योंकि इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं नियमित रूप से पैड बदलने की जरूरत और महिलाएं कैसे अपने पीरियड्स स्वास्थ्य (मेन्स्ट्रूअल हेल्थ) और समग्र कल्याण को बढ़ा सकती हैं।
संभावित स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए पीरियड्स के दौरान सफाई और स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है। पैड, सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले पीरियड्स उत्पादों में से एक है और ये आपको फ्रेश बनाए रखने और विभिन्न जटिलताओं से बचने के लिए उन्हें नियमित रूप से बदला जाना चाहिए। औसतन फ्लो होने पर पैड को हर चार से छह घंटे में बदला जाना चाहिए। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक महिला का पीरियड्स चक्र अलग प्रकार का होता है और उसी आधार पर लगातार बदलाव की आवश्यकता हो सकती है।
पैड न बदलने की वजह से महिलाओं को असुविधा, गंध और संक्रमण सहित कई समस्याएं हो सकती हैं। एक ही पैड को घंटो यूज करने से उसमें नमी हो सकती है और बैक्टीरिया बढ़ने का खतरा बन जाता है, जिससे मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) और बैक्टीरियल वेजिनोसिस जैसे संक्रमणों का खतरा बढ़ सकता है। पीरियड्स के दौरान निकलने वाला रक्त और नमी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से, त्वचा में जलन और चकत्ते भी हो सकते हैं। इसके अलावा बहुत ज्यादा देर तक एक ही पैड यूज करने से चेफिंग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इन स्थिति में आराम की स्थिति बनाए रखने और त्वचा से संबंधित समस्याओं को रोकने के लिए नियमित रूप से पैड को बदलना आवश्यक हो जाता है।
इसके अलावा पीरियड्स के दौरान खून जमा होने से बदबू भी आनी शुरू हो सकती है। पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होने में हल्की गंध होना सामान्य है लेकिन ज्यादा देर तक बदबू, बैक्टीरिया को पनपने का मौका देती है और आपको तभी पैड बदल देना चाहिए। इसके अलावा, लंबे वक्त तक एक ही पैड का उपयोग करने से कपड़ों में धब्बे पड़ सकते है और दाग भी पड़ सकता है। नियमितरूप से पैड बदलने से रिसाव (लीक) के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, जिससे महिलाओं को पीरियड्स चक्रके दौरान मन की शांति और आत्मविश्वास प्रदान मिलता है।
मेन्सट्रुअल हाइजीन बनाए रखने और पैड को नियमित रूप से नहीं बदलने से जुडी संभावित समस्याओं को रोकने के लिए, यहां कुछ उपयोगी सुझाव दिए गए हैं:
अपने साथ पर्याप्त संख्या में पैड रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जब भी आवश्यक हो आप उन्हें बदल सकते हैं।
अपने फ्लो के लिए सही पैड चुनें, जो लीक और दूसरी असुविधा को रोकने में मदद करेगा।
अपने पैड को हर चार से छह घंटे में बदलें या फिर आवश्यक हो तो अधिक बार भी पैड बदल सकती हैं। बार-बार चेक करना जरूरी है।
स्वच्छता बनाए रखने और गंध को रोकने के लिए कचरे में फेंकने से पहले इस्तेमाल किए गए पैड को सैनिटरी बैग या रैपर में लपेटें।
कन्टैमनेशन के जोखिम को कम करने के लिए पैड बदलने से पहले और बाद में अपने हाथ जरूर धोएं।
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