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अगर आपको भी है सोचते समय पैर हिलाने की आदत, तो हो सकती है मुश्किल

अगर आपको भी है सोचते समय पैर हिलाने की आदत, तो हो सकती है मुश्किल
जब आपका शरीर किसी भी तरह के तनाव को लंबे समय तक झेलता है, तब वह अलग-अलग तरह से इसके संकेत देता है, ऐसा ही एक संकेत है लगातार पैर हिलाना, इसे समझें। ©Shutterstock.

जब आपका शरीर किसी भी तरह के तनाव को लंबे समय तक झेलता है, तब वह अलग-अलग तरह से इसके संकेत देता है, ऐसा ही एक संकेत है लगातार पैर हिलाना, इसे समझें।

Written by Yogita Yadav |Published : March 14, 2019 11:00 AM IST

क्‍या आप भी अकसर बैठे-‍बैठे या सोचते हुए पैर हिलाने लगते हैं?  इसे महज आदत समझकर इग्‍नोर मत कीजिए, क्‍योंकि आपके शरीर के तनाव में होने के संकेत हैं। मेडिकल की भाषा में इसे रेस्टलेस लेग्‍स सिंड्रोम कहा जाता है। जो लंबे समय तक नींद पूरी न हो पाने और शरीर में कई पोषक तत्‍वों की कमी के कारण होता है। अगर ध्‍यान न दिया जाए तो कुछ लोगों में यह आदत इतनी ज्‍यादा बढ़ जाती है कि वे सोते समय भी पैर हिलाने लगते हैं।

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क्‍या है रेस्टलेस लेग्‍स सिंड्रोम

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पांव हिलाने की यह आदत नर्वस सिस्‍टम से जुड़ी बीमारी है जिसे रेस्टलेस लेग्‍स सिंड्रोम कहा जाता है। ज्यादातर यह लक्षण 35 साल से अधिक लोगों में पाए जाते हैं, लेकिन पोषण की कमी और लगातार तनाव में रहने के कारण इससे कम उम्र में भी यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

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क्‍यों होता है ऐसा

'रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम' यानी RLS  नींद ना आने के वजह से होती है। जब व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान होता है या बचपन से ही उसे नींद ना आने की बीमारी है, तो कुछ समय बाद वह 'रेस्टलेस लेग सिंड्रोम' की चपेट में चला जाता है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को 'कार्डियोवैस्कुलर' संबंधित बीमारियां अपना शिकार बना लेती हैं और लगातार पैर हिलाते रहने से ब्लड प्रेशर के साथ-साथ दिल की धड़कनों की गति भी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से आगे चलकर जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है।

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खुशी देता है पैर हिलाना

एक अन्‍य शोध में यह बात भी सामने आई कि अमूमन दस फीसदी लोगों में इस बीमारी के संकेत दिखाई देते हैं। असल में यह आदत उन्‍हें खुशी देती है। या कि यह शरीर के तनाव रहित होने का एक जरिया बन जाती है। पैर हिलाने की आदत की वजह से व्यक्ति के शरीर में डोपामाइन हार्मोन स्रावित होने लग जाता है, जिससे मनुष्य को अच्छा अनुभव होने लगता है और उसे बार-बार पैर हिलाने का मन होता है।

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न हो आयरन की कमी

इस समस्‍या की जड़ में तनाव है। तनाव के बढ़ जाने पर या मेनोपॉज के समय हार्मोनल असंतुलन से या नींद की कमी, जिसे स्‍लीप डिसऑर्डर भी कहा जाता है के कारण यह लक्षण दिखाई देते हैं। अगर आप लंबे समय से बीमार हैं या किडनी अथवा पार्किंसस रोग से जूझ रहे हैं, तो भी यह संकेत दिखाई दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में ध्‍यान रहे कि शरीर में आयरन की कमी न होने पाए। वरना यह समस्‍या बढ़ सकती है। आयरन की पूर्ति के लिए आप अपने भोजन में आयरन युक्त चीजों को शामिल करें जैसे सरसों का साग, पालक, केला, चुकंदर आदि। किसी भी तरह के नशे अथवा कैफीन आदि के ज्‍यादा सेवन से भी बचें।

इस तरह करें कंट्रोल

अगर आप अपनी इस आदत से परेशान हैं और इससे छुटकारा चाहते हैं तो सबसे आसान है कि आप जब भी यह महसूस करें कि आप पैर हिला रहे हैं, तो पैर हिलाना रोक कर कुछ देर टहलें। अकसर लोग जब बैठे हुए कुछ गंभीर सोच रहे होते हैं तब पैर हिलाते हैं, इसलिए बेहतर है कि जब भी आप सोचें तो थोड़ा-थोड़ा टहलते रहें।