Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
जिम में जाकर हार्डकोर वर्कआउट अधिकतर लोग करते हैं। हार्डकोर वर्कआउट करना आसान नहीं होता है। इसके फायदे भी सेहत पर कई तरह से होते हैं। हालांकि, वो लोग जो हाई-इन्टेंसिटी एक्सरसाइज (high-intensity exercise) ना के बराबर करते हैं, जब वो इस तरह का एक्सरसाइज करना शुरू करते हैं, तो उनमें कार्डियक अरेस्ट होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। यह बात अमेरिकन हार्ट एसोसिएशंस प्रीमियर जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक नए वैज्ञानिक वक्तव्य के अनुसार सामने आई है।
व्यायाम चिकित्सा है और इसमें कोई शक नहीं है कि मध्यम (Moderate) से लेकर कठिन (Vigorous) शारीरिक गतिविधि पूरे हार्ट की सेहत (cardiovascular health in hindi) के लिए फायदेमंद है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि, दवा की तरह व्यायाम को कम या ज्यादा करना हमेशा बेहतर नहीं होता है। इससे हृदय संबंधी समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर तब, जब निष्क्रिय, अनफिट लोग जिन्हें पता है कि उन्हें हृदय रोग है या हृदय रोग की समस्या के बारे में जिन्हें पता नहीं है या जांच नहीं करवाए हैं, उनमें दिल संबंधित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
Stroke Risk in Hindi : दिल की धड़कन में गड़बड़ी की समस्या से बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा
आज अधिक से अधिक लोग मैराथन (Marathons) दौड़ रहे हैं, ट्रायथलॉन (Triathlons) में भाग ले रहे हैं और हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग कर रहे हैं। इसका तात्पर्य ये है कि इन किठन (Vigorous exercise programs) व्यायाम कार्यक्रमों के लाभों और जोखिमों को जानना-पहचानना और अपनी योजनाओं में शामिल करना जरूरी है।
300 से अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों का रिव्यू करने के बाद यह बात सामने आई कि शारीरिक रूप से सक्रिय लोग जैसे प्रतिदिन टहलने वालों में 50 प्रतिशत कम हार्ट अटैक और कार्डियक डेथ का खतरा होता है। फिर भी, शोधकर्ताओं ने इस बात की भी पहचान की कि इंटेंस एक्सरसाइज ट्रेनिंग में कुछ संभावित जोखिम भी होते हैं। हाल के दिनों में पुरुष मैराथन प्रतिभागियों में हार्ट अटैक या सडेन कार्डियक डेथ बढ़ी है।