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Cardiovascular Disease: टेक्‍नोलॉजी की मदद से आसान हुई हृदय की देखभाल, जानिए हार्ट पेशेंट खुद का कैसे रखें ख्‍याल

Cardiovascular Disease: टेक्‍नोलॉजी की मदद से आसान हुई हृदय की देखभाल, जानिए हार्ट पेशेंट खुद का कैसे रखें ख्‍याल
Cardiovascular Disease: टेक्‍नोलॉजी की मदद से आसान हुई हृदय की देखभाल, जानिए हार्ट पेशेंट खुद का कैसे रखें ख्‍याल

हृदय की समस्याओं, जैसे हृदय की तेज, धीमी या लय के बाहर धड़कन वाले हार्ट एरीथमियास, के मामले में ऐसे उपकरण हैं, जो हृदय की अनियमित धड़कन का पता लगाते हैं और बेतार तरीके से डाटा को ब्लूटूथ के जरिये आपके स्मार्ट फोन पर पहुंंचाते हैं।

Written by Atul Modi |Published : January 22, 2021 3:45 PM IST

कोविड-19 से उत्पन्न संकट ने हमारे जीवन में बड़ा बदलाव किया है। हम स्वास्थ्य को जिस तरह समझते हैं, रोगियों का जिस तरह उपचार करते हैं और स्वास्थ्य रक्षा के डायनैमिक्स को जिस तरह से देखते हैं, उसमें बहुत बदलाव हो रहा है। हेल्‍थ सेक्टर में डिजिटल हस्‍तक्षेप भी पहले की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। यह देखा जा सकता है कि हृदय के रोगों को कैसे चौबीसों घंटे मैनेज किया जा सकता है, वह भी बार-बार डॉक्टर के पास जाए बिना भी। यह खासतौर से भारत जैसे देश के लिये महत्वपूर्ण है, जहां सीवीडी (हृदय रोग) के रोगियों की संख्या लगभग 54.5 मिलियन है।

डॉ. रितेश गुप्ता के अनुसार, हृदय की समस्याओं वाले रोगियों के लिये, रोगी की आर्टरीज के भीतर की थ्री-डाइमेंशनल और उच्च-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें बेजोड़ सटीकता के साथ लेने वाली ऑप्टिकल कोहेरेन्स टोमोग्राफी (ओसीटी) जैसी टेक्नोलॉजीज हैं। यह स्थिति को बदलने वाली टेक्नोलॉजी है, जो डॉक्‍टरों को भीतर से आर्टरीज देखने और मापने की योग्यता देती है। अगले 20 सालों में यह हेल्थ टेक्नोलॉजी बेहतर उपचार और परिणाम देगी। इमैजिंग में भविष्य का इनोवेशन शरीर के भीतर किसी स्थिति की वास्तविक प्रकृति को पहचानने, बेहतर डायग्नोस्टिक जानकारी प्रदान करने और उपचार की योजना बदलने में मदद कर सकता है, ताकि रोगी की आवश्यकता के अनुसार काम हो। इससे डॉक्टरों को हर रोगी के लिये खास उपचार प्रदान कहने की योग्यता मिलेगी।

डॉ. रितेश के मुताबिक, रिमोट मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजीज से चौबीसों घंटे अपने हृदय की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। कार्डियक ट्रीटमेंट में इन प्रगतियों ने रोगियों को कोविड-19 के कठिन समय में सुरक्षा का अनुभव दिया है। वायरस के संक्रमण के डर से रोगी अस्पताल जाने से मना कर रहे हैं, लेकिन इन उपकरणों ने उनकी समस्या दूर की है।

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हृदय की देखभाल करने का नैचुरल तरीका

टेक्नोलॉजी के अलावा, सबसे महत्वपूर्ण रूप से, जीवनशैली से सम्बंधित उपाय स्वस्थ जीवन और रोग के लक्षणों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम कुछ सुझाव दे रहे हैं, जो घर पर रहते हुए हृदय की देखभाल करने में मदद करेंगे।

1. बराबर जानकारी रखें और टेक्नोलॉजी का उपयोग करें

अपने रोग, वह क्यों हुआ और उसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है, के बारे में पूरी जानकारी रखना महत्वपूर्ण है। उन टेक्नोलॉजीज की उपेक्षा न करें, जो आपके ब्लड शुगर लेवल और एरीथमियास पर निगरानी करने के लिये उपलब्ध हैं। चूंकि अब आप अपनी धड़कन के उतार-चढ़ाव का रिकॉर्ड रख सकते हैं, इसलिये सुनिश्चित करें कि यह जानकारी आप अपने डॉक्टर को दें, जो तदनुसार आपके ट्रीटमेन्ट प्लान को पर्सनलाइज कर सके।

2. डाइट चार्ट मेंटेन करें

फल, सब्जी, साबूत अनाज, कम वसा वाले डेयरी आइटम्स और हेल्थी फैट के सोर्स, जैसे नट्स समेत पोषक खाद्य पदार्थों वाली डाइट लेनी चाहिये। हाई-शुगर वाले फूड आइटम्स, जैसे फ्राइड फूड्स और डेजर्ट्स से बचना चाहिये। स्वस्थ हृदय के लिये सैचुरेटेड फैट्स, सोडियम और अल्कोहल का सेवन कम करें।

3. रोजाना व्यायाम करें

एक्‍सरसाइज करके या अपने प्रियजन या काउंसलर से समस्याओं पर बात कर तनाव दूर करने से हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। कोई भी एक्‍सरसाइज, जैसे एरोबिक्स, साइकल चलाना, तैरना या पैदल चलना जादू का काम कर सकता है।

4. संकेतों और लक्षणों पर ध्यान दें

हम अक्सर थकान, सांस छोटी होना, छाती में दर्द, तेज धड़कन, चिंता, आदि को हाई ब्लड प्रेशर या एसिडिटी का संकेत मान लेते हैं। हालांकि यह कार्डियक एरीथमियास का मामला हो सकता है।

हृदय से सम्बंधित समस्याओं के खराब मैनेजमेंट से वायरस से संक्रमित होने का जोखिम बढ़ सकता है। द लैंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 ऐसे लोगों के लिये ज्यादा घातक हो सकता है, जिन्हें पहले से हाइपरटेंशन, डायबिटीज या हृदय रोग जैसी अन्‍य संबंधी बीमारियां हैं। इसलिये, जीवनशैली में जरूरी बदलाव करना, लक्षणों पर सचेत रहना और खुद को नई टेक्नोलॉजीज से अपडेट करना अनिवार्य है, ताकि आपके जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।

नोट: यह लेख डॉ. रितेश गुप्ता, एडिशनल डायरेक्टर, फोर्टिस सी-डीओसी, चिराग एनक्लेव