मूल स्रोत: IANS Hindi आजकल शिशु तक भी मोबाइल हो या तरह-तरह के इलेक्टॉनिक गैजेट के आदि हो गए हैं। क्योंकि होश संभालते ही वे अपने चारो अोर इन चीजों को ही ज्यादा पा रहे हैं। इसलिए वे इन सब चीजों से ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। माता-पिता अपने परेशानी को कम करने के लिए उन्हें इन चीजों के साथ व्यस्त रहने के लिए छुट दे देते हैं। फल ये होता है कि वे इन चीजों को बगैर जीने की कल्पना ही नहीं कर पाते हैं। उनके इस आदत का मोल उनको अपने आंखों से देना पड़ता है। इसलिए भारत