मूल स्रोत: IANS Hindi
आजकल डिप्रेशन की बीमारी लगभग सबको होने लगी है। क्योंकि मनुष्य की प्रवृत्ति ये है कि वह सब कुछ पाने की चाह में प्रतियोगिता के पीछे दौड़ने लगते हैं जो उनको डिप्रेशन या अवसाद के स्टेज में ला देता है। जिसके कारण तरह-तरह की बीमारियों का संचार होना शुरू हो जाता है।
अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं और अधिक अवसाद में हैं तो संभल जाइए। क्योंकि यह रोग आपको कई रोगों का शिकार बना सकता है। एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि अवसाद, मोटापा, उच्च रक्तचाप और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर एक साथ मिलकर टाइप 2 मधुमेह के जोखिम बढ़ा सकते हैं। निष्कर्ष बताते हैं कि जो लोग अवसाद और चयापचय जोखिम कारकों जैसे मोटापा, उच्च रक्तचाप और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर से ग्रसित होते हैं, ऐसे लोगों को टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा छह गुना अधिक होता है।
केवल अवसाद की अवस्था टाइप 2 मधुमेह का महत्वपूर्ण जोखिम कारक नहीं है। लेकिन अवसाद रहित मोटापे, उच्च रक्तचाप और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर से ग्रसित लोगों में मधुमेह होने की चार गुना अधिक संभावना होती है।
कनाडा की मैकगिल युनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक नोबर्ट स्किमिट्ज ने बताया, 'ये निष्कर्ष बताते हैं कि केवल अवसाद तो नहीं, लेकिन अवसाद के साथ जुड़े हुए अन्य चयापचय विकार टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के जोखिमों को बढ़ाने में जिम्मेदार हो सकते हैं।' इस शोध के लिए 40 से 69 साल के 2,525 प्रतिभागियों पर अध्ययन किया गया था।
यह शोध 'जर्नल मॉलीकुलर साइकियाट्री' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
चित्र स्रोत: Shutterstock
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