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मूल स्रोत: IANS Hindi
गर्भनिरोधक दवाएं अब प्रेगनेंट होने के संभावना को ही कम नहीं करता है बल्कि घुटनों के चोट में लगे दर्द को कम करने में मदद करता है। क्यों आश्चर्य में पड़ गए न, घुटनों के दर्द में ऑयन्टमेंट लगाने के जगह पर गर्भनिरोधक दवाएं करेंगी काम। जो महिलाएं इन दवाओं करती है, उनके लिए खुशखबरी है। जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, उनके एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होता है और बरकरार रहता है। इससे उनके गंभीर किस्म के घुटने की चोट से पीड़ित होने की संभावना कम हो जाती है। एक नए शोध से यह जानकारी सामने आई है। 15 से 19 साल की 23,428 युवतियों पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि जिन महिलाओं को एंटीरियर क्रूसिएट लिंगामेंट (एसीएल यानी घुटने के जोड़) में चोट की समस्या थी अगर वे गर्भनिरोधक गोलियां ले रही थीं, तो उन्हें नैदानिक सर्जरी करवाने की जरूरत कम पड़ी।
प्रमुख शोधकर्ता एवं अमेरिका के गेलवेस्टन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास की मेडिकल शाखा के ऐरॉन ग्रे ने कहा, 'गर्भनिरोधक गोलियां एस्ट्रोजन का स्तर सतत कम रखती हैं जिससे समय-समय पर होने वाली एसीएल कमजोरी से बचाव होता है।'
एसीएल एक जोड़ है जो घुटने के ऊपरी और निचले हिस्से को जोड़ता है। इस जोड़ में चोट लगने से किसी एथलीट का कैरियर तबाह हो सकता है। साथ ही इससे जीवनभर के लिए घुटने में परेशानी आ सकती है और इलाज के लिए जटिल सर्जरी करानी पड़ सकती है। यह शोध मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
चित्र स्रोत: Shutterstock