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डेंगू महामारी एक ऐसी बीमारी है जो पहले तो सामान्य ज्वर की तरह ही लगता है मगर इसका प्रभाव शरीर पर बहुत भयानक रूप से पड़ता है। अगर इसका इलाज सही तरह से नहीं किया गया तो मृत्यु की आशंका भी हो सकती है।
डेंगू मलेरिया की तरह मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू का बुखार ज़्यादा से ज़्यादा दो हफ़्ते तक रहता है। यह रोग साधारणतः उष्णकटिबंधीय (tropical) इलाकों में ही होता है। इस रोग का पनपना जून के महीने से शुरू होता है और मॉनसून के महीने में अपना चरम प्रकोप दिखाना शुरू करता है।
जो लोग शारीरिक रूप से संवेदनशील होते हैं या उनकी प्रतिरक्षा क्षमता (immunity) कमजोर होती है, उनमें डेंगू रोग होने की संभावना ज़्यादा होती है। एडीज मच्छर के काटने से जो वायरस फैलता है वह शरीर को तभी प्रभावित करता है जब शरीर उससे लड़ने में असक्षम होता है। इस रोग से बच्चे से लेकर वयस्क सभी प्रभावित होते हैं विशेषकर बच्चे संवेदनशील होने के कारण ज़्यादा प्रभावित होते हैं। डेंगू के एडीज मच्छर दिन में काटते हैं, इसलिए दिन के समय भी मच्छर से खुद को बचाना ज़रूरी होता है। पढ़े: डेंगू से बचने के १० सरल उपाय
डेंगू के लक्षण:
डेंगू के ज्वर के लक्षण प्रथम चरण में सामान्य ज्वर के तरह ही लगते हैं। इसलिए पहले के चरण में इसका पता लगाना मुश्किल होता है। प्रथम चरण में डेंगू के लक्षण इस प्रकार के होते हैं-
यह तो डेंगू के प्रथम अवस्था के लक्षण हैं जो साधारणतः रोगी के शरीर के मुताबिक होता है। लेकिन जब डेंगू के रोग की स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है तब शरीर में कुछ और समस्याएं नजर आने लगती है, जैसे-
• पेट में तेज दर्द होना
• पेशीशूल (myalgia)
• लीवर में फ्लूइड का जमा होना
• सीने में फ्लूइड का जमा होना
• रक्त में बिंबाणु (platelet) का कम होना
• रक्तस्राव (hemorrhages) आदि।
इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि ज्वर अगर तीन-चार दिन से हो रहा है तो तुरन्त डॉक्टर के पास जायें और अपने रक्त की जाँच करवायें।इससे समय रहते ही आप डेंगू के रोग के प्रकोप से खुद को बचा पायेंगे।
डेंगू रोग होने के कारण और बचने के उपाय:
जैसा कि सभी जानते हैं कि यह रोग बरसात के मौसम में सबसे ज़्यादा फैलता है। यह रोग मच्छर के काटने से होता है इसलिए मच्छर को पनपने से रोकना ही सबसे महत्वपूर्ण उपाय होता है। अपने घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए और कहीं भी जल को जमने नहीं देना चाहिए। चाहे वह कूलर का पानी हो या फूल के गमले का या बाल्टी का पानी हो, पानी को खाली करते रहना और साफ रखना चाहिए। घर के आस-पास के जगह को साफ-सुथरा रखना ज़रूरी होता है। डेंगू का बुखार से पीड़ित रोगी को जिस मच्छर ने काटा है उस मच्छर के काटने से डेंगू का वायरस फैलता है। इसलिए डेंगू से बचने का सबसे सरल और एकमात्र उपाय है मच्छर के काटने से बचना। इस रोग की सबसे बूरी बात यह है कि इसका कोई सटिक दवा, टीका या इलाज नहीं होता है। मास्कीटो रिपेलेंट के प्रयोग से भी कुछ हद तक मच्छरों से बचा जा सकता है। पढ़े: डेंगू रोगी के लिए आहार-योजना
चित्र स्रोत: Getty images