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गुस्सा, तनाव, सिरदर्द हर समस्या का समाधान है ज्ञान मुद्रा, जानें इसे करने की विधि

गुस्सा, तनाव, सिरदर्द हर समस्या का समाधान है ज्ञान मुद्रा, जानें इसे करने की विधि
जानें, ज्ञान मुद्रा करने से होने वाले सेहत लाभ के बारे में। © Shutterstock.

जिन लोगों को सिरदर्द, अनिंद्रा आदि जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, उन्हें भी ज्ञान मुद्रा नियमित रूप से करना चाहिए। 

Written by Anshumala |Published : February 16, 2019 6:00 PM IST

जब हम ज्ञान मुद्रा में योग करते हैं, तो हमारी बुद्धि तेज होती है इसलिए इस योग को करने के लिए ध्यान लगाना बहुत ही आवश्यक है ताकि इसका हमें अधिक फायदा हो। अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतीक होता है और तर्जनी उंगुली वायु तत्व की प्रतीक होती है। ज्योतिष के अनुसार, हमारा अंगूठा मंगल ग्रह का प्रतीक ओर तर्जनी अंगुली बृहस्पति का प्रतीक होता है। जब यह दोनों तत्व आपस में मिलने से वायु तत्व में वुद्धि होती है, जिससे कारण बृहस्पति का प्रभाव बढ़ता है। यही कारण है कि योग आसन करने से हमारी बुद्धि का विकास होता है।

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ज्ञान मुद्रा करने की विधि

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- ज्ञान योग मुद्रा में आने से पहले साफ जगह पर सुखासन, पदासन या फिर वज्रासन में बैठ जाएं। पीठ सीधी रहे। यदि पीठ सीधी करके बैठने में दिक्कत हो, तो पीठ को किसी दीवार के सहारे टिका लें। सिर को बिल्कुल सीधा रखते हुए एकदम स्थिर रखें। आंखें बंद कर लें। पलकों में कोई हलचल न हो। अब ज्ञान मुद्रा लगाएं। इसमें अंगूठे के ऊपरी हिस्से को तर्जनी के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकी उंगलियों को बिल्कुल सीधा रखें। इस मुद्रा में अपनी हथेलियों को घुटनों पर रख लें। हथेलियों की दिशा ऊपर की ओर रहे। अब अपनी सांसों पर ध्यान दें। न अपनी तरफ से सांसों की गति घटाएं-बढ़ाएं और न ही कोई कुंभक लगाएं।

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- ज्ञान मुद्रा को आप खड़े होकर यानी ताड़ासन या फिर कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं लेकिन इसका अधिक फायदा हमें बैठ कर करने में ही मिलता है।

- इसको आप दिन में 30 मिनट तक कर सकते हैं। इससे आपको बहुत ही फायदा मिलता है। आप सुबह और शाम दोनों समय कर सकते हैं।

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ज्ञान मुद्रा करने के लाभ

  • ज्ञान मुद्रा करने से बुद्धि और स्मरणशक्ति बढ़ती है।
  • इसके अभ्यास से एकाग्रता में विकास होता है।
  • शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की शक्ति बढ़ती है।
  • क्रोध, भय, ईर्ष्या आदि का सामना नहीं करना पड़ता, क्योंकि यह मन को कठोर बनाता है।
  • तनाव के कारण होने वाले रोग जैसे उच्च रक्तचाप, हाई ब्लडप्रेशर, ह्रदय रोग का खतरा कम होता है।

Autism: ज्ञान मुद्रा करने से होगा मानसिक रूप से लाभ

  • आत्मविश्वास बढ़ता है, जिसके कारण आप अपना काम बेहतर ढंग से कर पाते हैं।
  • ज्ञान मुद्रा करने से मन को शांति मिलती है। गुस्सा आने पर ज्ञान मुद्रा करेंगे, तो गुस्से को काबू में कर सकते हैं।
  • जिन लोगों को सिरदर्द, अनिंद्रा आदि जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, उन्हें भी इसे नियमित रूप से करना चाहिए।
  • ज्ञान मुद्रा को लगातार करने से नशे की लत से छुटकारा पा सकते हैं।

सावधानियां

भोजन करने एवं चाय, कॉफी पीने के तुरंत बाद कोई भी मुद्रा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है। मुद्रा करते समय किसी प्रकार की असहजता या किसी प्रकार का कोई कष्ट हो तो मुद्रा बीच में हो छोड़ देनी चाहिए।