घर और बाहर की जिम्मेदारियों के बीच कभी-कभार मन इतना चिड़चिड़ा हो जाता है कि बना बनाया काम बिगड़ जाता है। कई बार जाने अनजाने हमें इतना गुस्स आ जाता है कि हमने कल्पना भी नहीं की होती। क्या है कारण मनोचिकित्सक इस गुस्से का कारण काम के दवाब और अत्यधिक अपेक्षाओं को मानते हैं। पर इससे बचा नहीं जा सकता। जिन चीजो से बचा नहीं जा सकता उनके लिए बेहतर है कि खुद ही उनके साथ समायोजन बैठा लें। न बन जाएं डिप्रेशन यह गुस्सा बढ़ते-बढ़ते कहीं खुद को ही नुकसान न पहुंचाने लगे इसके लिए जरूरी है