अत्यधिक तनाव और काम के प्रेशर में आंखों पर भी प्रेशर बढ़ता जा रहा है। जिससे कम उम्र में ही लोग आंखों की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। दूसरी तरफ प्रदूषण से भी आंखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अगर आप चाहते हैं कि आंखों पर प्रेशर न पड़े और असमय चश्मा न लगे, तो अपनाएं ये टिप्स -
डराते हैं आंकड़ें
पूरी दुनिया में करीब 80 मिलियन लोग ग्लूकोमा से पीडि़त हैं और आईड्राप्स पर निर्भर रहते हैं। यह बीमारी आंखों में एक्सट्रा प्रेशर के कारण होती है, क्योंकि इसमें नर्व्स डैमेज हो जाती हैं। इसका ट्रीटमेंट आईड्रॉप्स हैं, जो सभी को सूट नहीं करते। गंभीर मामलों में मरीज़ की सर्जरी या लेज़र थेरेपी करनी पड़ती है।
आंखें स्वस्थ रखने के प्राकृतिक तरीके
नियंत्रित रखें वजन : जैसे आपका इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, यह आपके रक्तचाप का कारण बनता है, और इससे आपकी आंखों पर दबाव भी बढ़ता है। समय के साथ आपका शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी बन जाता है। यह उन लोगों को ज़्यादा होता है, जो डायबिटीज़, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं। अपनी डाइट में चीनी और अनाज नियंत्रित रखें। ब्रेड, पास्ता, चावल, अनाज, आलू आदि खाते समय मात्रा सीमित रखें।
व्यायाम की आदत डालें: इंसुलिन के स्तर को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है व्यायाम। इससे इंसुलिन लेवल कंट्रोल में रहता है और आंखों की रोशनी भी बचाई जा सकती है। इसे नियमित अपनी आदत में शामिल करें।
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ओमेगा -3 फैट सप्लीमेंट: ओमेगा 3 लेने से आंखों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। डीएचए नामक ओमेगा -3 फैट आंखों के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है। यह आंखों की रोशनी नहीं जाने देता। डीएएच सहित ओमेगा -3 फैट, मछली में पाए जाते हैं।
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ग्रीन वेजिटेबल्स खाएं: ल्यूटिन और ज़ेकैक्थिन से आंखों की रोशनी बढ़ती है। ल्यूटिन हरी, पत्तेदार सब्जियों में विशेष रूप से बड़ी मात्रा में पाया जाता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट है और आंखों के सेल्स डैमेज होने से बचाता है। साग, पालक, ब्रोकोली, स्प्राउट्स और अंडे के पीले भाग में भी ल्यूटिन होता है। लेकिन ध्यान रहे कि ल्यूटिन ऑयल में घुलता है। इसलिए इन हरी सब्ज़ियों के साथ थोड़ा ऑयल या बटर खाना भी ज़रूरी है।
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