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म्यूज़िक थेरेपी मस्तिष्क पर कैसे असर करती है?

म्यूज़िक थेरेपी मस्तिष्क पर कैसे असर करती है?

क्या संगीत वाकई हमें भीतर से ठीक कर सकता है?

Written by Editorial Team |Published : August 24, 2017 5:00 PM IST

संगीत केवल हमारा मूड अच्छा बनाने का काम भर नहीं करता है। यह एक आश्चर्यजनक दवा है जो बहुत सारी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है: यह आपके दिमाग को नयी शक्ति देता है, तनाव से राहत दिलाता है, भावनाओं को जागृत करता है और आपके मन को शांत करने मदद करता है। प्रत्येक व्यक्ति का संगीत के साथ अपना स्वयं का व्यक्तिगत समीकरण होता है, गीतों की अपनी खास पसंद होती है, जो अपने अच्छे और बुरे समय में इन गीतों को सुनते हैं। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि संगीत का अच्छा प्रभाव पड़ता है और यह हमारे मन को छूता है और गहरा प्रभाव डालते हुए हमारे व्यवहार को कई तरीकों से बदल देता है।

पिछले कुछ दशकों में, शोधकर्ताओं ने वैज्ञानिक रूप से उस बात को मान्यता देने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि हम पहले से ही संगीत के बारे में महसूस कर चुके हैं, कि क्या यह वाकई हमें भीतर से ठीक कर सकता है। पुराने दर्द, यादाश्त कमज़ोर होना, अनिद्रा और यहां तक कि हाल ही में मस्तिष्क की चोट जैसी समस्याओं के उपचार के साधन के रूप में, संगीत के उपयोग के समर्थन में सबूतों का एक पूरी श्रृंखला है।

हाल के वर्षों में, मस्तिष्क पर संगीत के प्रभाव की कई बार जांच की गई है और यह जानने की कोशिश की गयी है कि कैसे संगीत एक उच्च संरचित श्रवण भाषा के रूप में काम करने में मदद कर सकता है। स्थिति को स्पष्ट रुप से समझने के लिए, हमने रॉयल हॉस्पिटल फॉर न्यूरो-डिसेबिलिटी में म्यूज़िक थेरेपिस्ट, बर्निस छू की मदद ली, जो वयस्कों को मस्तिष्क की चोट के निदान के लिए संगीत की मदद ले रहे हैं।

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म्यूज़िक थेरेपी क्या है?

बुनियादी तरीके से इसे समझने की कोशिश करते हैं। एक प्रमाणित संगीत चिकित्सक आदर्श रूप से एक ऐसा व्यक्ति है जिसके पास संगीत से जुड़ी एक ऐसी डिग्री होती है जिसका नाम है एमटी-बीसी (Music Therapist Board Certified), नैदानिक अभ्यास शुरू करने के लिए यह क्रेडेंशियल प्राप्त करना आवश्यक है। रोगियों ने उनके संज्ञानात्मक या कॉग्निटिव, मोटर (motor) और संवेदी या सेंसरी(sensory) कार्यों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करने के लिए चिकित्सक, संगीत और उसके सिद्धांतों के व्यापक ज्ञान का उपयोग करते हैं।

संगीत आपके दिमाग पर कैसे असर डालता है?

बर्निस के अनुसार, मस्तिष्क के एक से अधिक हिस्सो में संगीत संसाधित होता है। स्वस्थ व्यक्तियों को, संगीत प्रोत्साहित करने, आराम देने, भावनाओं को महसूस करने और अपनी आवाज़ का उपयोग करने (गुनगुनाने) के लिए प्रोत्साहित करता है। यह मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों को सक्रिय करने में और इसे स्वस्थ रखने में मदद करता है। उन्होंने कहा, "म्यूजिक थेरपी और न्यूरोसाइंस के फायदों और उसके बीच की चुनौतियों पर चर्चा करने वाला एक दिलचस्प संवाद प्रकाशित किया गया।" फ्रंटियर्स इन ह्यूमन न्यूरोसाइंस में प्रकाशित संवाद इस बात पर चर्चा करता है कि न्यूरोसाइंस और म्यूजिक थेरेपी के विभिन्न जानकारियों, अनुभव और कौशल के आधार पर एकसाथ इस्तेमाल किए जाने से कई तरीकों से फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

म्यूज़िक थेरेपी में क्या होता है?

इस छानबीन से पहले, चिकित्सक रोगी की व्यक्तिगत पसंद और शौक को समझने की कोशिश करता है। इसके बाद म्यूज़िक थेरेपी सेशन को रोगी के ज़रूरत और लक्ष्य के अनुरूप तैयार किया जाता है। बर्निस का कहना है कि ये लक्ष्य व्यक्ति को अधिक आत्म-निर्भर बनाने और चोट के कारण रोगी को होनेवाली तकलीफों या किसी ऐसे कार्य को पूरा करने में मदद करने पर केंद्रित किया जाता है, जो करना उसके लिए कठिन हो गया है।

"यदि थेरेपी में लक्ष्य रोगी के हाथ की हरकत तो दोबारा शुरु करना होता है। जैसे, म्यूज़िक थेरेपिस्ट एक विशिष्ट प्रकार की गतिविधि शुरु करने के लिए विभिन्न प्रकार के संगीत वाद्यों का इस्तेमाल कर सकता है। इसके विपरीत, यदि उपचार में लक्ष्य स्पीच और बातचीत या अभिव्यक्ति की मदद से हासिल करना है, तो थेरेपिस्ट इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गीतों और वोकल एक्सरसाइज का उपयोग करेगा। म्यूज़िक थेरेपिस्ट को शारीरिक, बातचीत, संज्ञानात्मक और भावनात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए संगीत में बदलाव ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।"

सेशन की अवधि कितनी होती है?

सेशन की अवधि पूरी तरह से मरीज़ की विकलांगता की सीमा पर निर्भर करती है। "हम रॉयल अस्पताल में न्यूरो-डिसेबिलिटी (Neuro-disability) के जिन रोगियों के लिए काम करते हैं, वे अक्सर मस्तिष्क की चोट के परिणामस्वरूप संज्ञानात्मक और शारीरिक रूप से काफी कमज़ोर हो जाते हैं; इसलिए, किसी भी थेरेपी के लिए आपको बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग करना होगा और आपको थका देगी।,"बर्निस ने बताया,जिन्होंने कहा कि, "थेरेपी सत्र 10 और 45 मिनट के बीच का हो सकता है। यह प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता के अनुकूल तैयार किया जाता है।"

म्यूज़िक थेरेपी मे किस तरह का संगीत सबसे अधिक प्रभावशाली साबित होता है?

सही चिकित्सा एक ग़लत अवधारणा है क्योंकि यह व्यक्ति की चिकित्सा आवश्यकताओं के अनुसार अलग-अलग होता है।" हर किसी के लिए अलग-अलग चीज़ें प्रभावी मानी जाती हैं। दरअसल यह मरीज के लक्ष्य पर निर्भर करता है। न्यूरो-विकलांगता के लिए रॉयल अस्पताल में किए गए नैदानिक शोध से पता चलता है कि जाने-पहचाने या पसंद के संगीत के साथ म्यूज़िक थेरेपी अधिक प्रभावशाली होती है, और ऐसे लोगों में भी जो काफी समय से चेतना से संबंधित गड़बड़ी से जूझ रहे हैं।

"अपने वातावरण के बारे में अधिक जागरूक अन्य मरीजों के साथ, किसी भी व्यक्ति के पुनर्वसन के लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए नयी धुनें बनाने के लिए भी उपयोगी है, जैसे- मेलोडिक इंटोनेशन थेरेपी (melodic intonation therapy) या रिदमिक ऑडिटरी स्टिम्युलेशन ऐसी ही तरकीबें हैं।"

आवाज़ वापस लाने में संगीत की क्या भूमिका है?

मस्तिष्क की चोट के परिणामों में से एक है आवाज़ गुम हो जाना या व्यक्ति का गूंगा हो जाना। नर्वस सिस्टम को लगनेवाली चोट के कारण आवाज़ जाने से के कारण संवाद या बातचीत में परेशानी होती है। मरीजों को अक्सर होंठ, जीभ और नरम तालू की सक्रियता में कमी आने जैसी परेशानी सहनी पड़ती है। इसी तरह फेफड़ों में हवा का कम प्रवाह और आवाज़ अस्पष्ट हो सकती है।

बर्निस ने कहा, "न्यूरो विकलांगता के लिए रॉयल अस्पताल में संगीत चिकित्सकों की टीम सभी न्यूरोलॉजिक म्यूजिक थेरेपी तकनीकों में प्रशिक्षित होती है और रोज़ाना स्पीच और भाषा चिकित्सक के साथ काम करती हैं।" वह यह भी बताती हैं कि, “यह छानबीन में रोगी की ताकत का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। "मस्तिष्क के कई हिस्सों में संगीत संसाधित होता है; इसलिए, जब मस्तिष्क के स्पीच केंद्र क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो मस्तिष्क के अन्य हिस्सों से स्पीच के कुछ पहलुओं को ठीक करना संभव है। रिकवरी की क्षमता मस्तिष्क में और किसी प्रकार की चोट की स्थिति पर निर्भर करती है।"

बेचैन लोगों की म्यूज़िक थेरेपी से कैसे मदद की जाती है?

इस बात पर थोड़ा संदेह है कि संगीत हमारे मूड को बदलने का काम कर सकता है या नहीं। सोचिए जब आप चिंतित होते हैं तो किसी तेज़ संगीत को सुनना कैसा लगता है; यह आपको और अधिक उत्तेजित बनाने का काम करता है। इसके विपरीत, एक सुखद कर्नाटकी राग आपके मन को तुरंत शांत कर सकता है। जो लोग चिंता से पीड़ित हैं, वे कुछ हद तक और झटपट राहत के लिए संगीत चुनते हैं।

चूंकि चिंता एक आपको कई तरीकों से प्रभावित करनेवाली समस्या है। बर्निस ने बताया कि चिंता से निपटने के लिए चिकित्सीय तरीका भी बहुमुखी होना चाहिए।"घबराहट या थोड़ी चिंता हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का एक हिस्सा हो सकता है: जैसे ऑफिस पहुंचने में देर होने या बिल न भर पाने पर हमें थोड़ी बेचैनी होती है। तो वहीं किसी बड़ी सर्जरी या मेडिकल टेस्ट से पहले आपको बहुत अधिक चिंता हो सकती है।"

"इसी वजह से, यह कहना मुश्किल होगा कि म्यूज़िक थेरेपी सबके लिए एक जैसा काम कर सकती है। विभिन्न रिसर्च स्टडीज़ ने कैंसर के रोगियों की चिंता को कम करने और अस्पताल में चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान म्यूज़िक थेरेपी के लाभकारी प्रभाव को साबित करती है। संगीत सुनने से डोपामाइन (dopamine) जैसे एंडोर्फ़िन (endorphins) को उत्पन्न करता है, जो खुशी की भावनाओं को बढ़ाता है और चिंता जैसी भावनाओं के कम कर सकता है।" उन्होंने बताया।

इसीलिए इन सभी बातो को ध्यान में रखते हुए यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपकी म्यूज़िक थेरेपी की गुणवत्ता और परिणाम आपके चिकित्सक की समझ पर निर्भर करता है। बर्निस ने बताया कि, "म्यूज़िक थेरेपिस्ट विभिन्न प्रकार की सेटिंग्स में काम करते हैं और उनकी विशेषताएं भी अलग-अलग होंगी। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप एक म्यूज़िक थेरेपिस्ट को खोजें जो आपकी ज़रूरत के हिसाब से काम कर सके।

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अनुवादक-Sadhana Tiwari

चित्रस्रोत-Shutterstock.