Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
कई लोग ऐसा मानते हैं कि अचानक से बहुत ज्यादा चिंता होना या पैनिक अटैक होना ही एंग्जायटी होता है। जबकि ऐसा नहीं है, ये भी हो सकता है कि आप किसी ख़ास तरह के एंग्जायटी के शिकार हो और आपको इसका पता भी न हो। एक इंसान एक ही साथ दो अलग अलग तरह की एंग्जायटी का शिकार भी हो सकता है। हम यहाँ अलग अलग तरह के एंग्जायटी डिसऑर्डर के बारे में बता रहे हैं।
जनरल एंग्जायटी डिसऑर्डर : हमेशा किसी न किसी वजह से परेशान रहना और टेंशन में रहने वाले लोग ही इस बीमारी से पीड़ित रहते हैं। मुख्यतया औरतें इस डिसऑर्डर की ज्यादा शिकार होती हैं। जनरल एंग्जायटी डिसऑर्डर वाले मरीज ज्यादा देर तक किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाते और ये हमेशा थके हुए और अनिद्रा के शिकार होते हैं। अच्छी बात यह है कि कुछ थेरेपी को अपनाकर आप आसानी से इससे मुक्ति पा सकते हैं।
ओब्स्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (OCD) : ये डिसऑर्डर उन लोगों के लिए है जो किसी चीज की सफाई या किसी ख़ास काम को लेकर ज़रूरत से ज्यादा सचेत या चिंतित रहते हैं। ऐसे मरीजों को पता भी नहीं होता कि वे किसी ऐसे डिसऑर्डर से ग्रसित हैं। ऐसे मरीज डेली रूटीन की चीजों को बार बार चेक करते हैं और उन्हें इस बात की दिन भर चिंता बनी रहती है। दरवाजे में ताला लगाने से लेकर, हाथ धुलने जैसे ऐसे कई उदाहरण है जिसके मरीज को बार बार ऐसा लगता है कि वो ताला लगाना भूल गया है या उसने हाथ नहीं धुले हैं । ऐसी कई थेरेपी है जिससे इनका इलाज संभव है।
सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर : इस डिसऑर्डर से सबसे ज्यादा लोग पीड़ित रहते हैं। आंकड़ों के अनुसार 11 साल की उम्र में लगभग 50% लोग और 20 साल की उम्र तक लगभग 80% लोग इस डिसऑर्डर से पीड़ित रहते हैं। इससे पीड़ित मरीज को हमेशा इस बात की चिंता लगी रहती है कि कोई दूसरा उसके बारे में क्या सोच रहा है।ऐसे लोग हद से ज्यादा शर्मीले या इन्ट्रोवर्ट किस्म के होते हैंऔर ये किसी भी समारोह या पार्टी में जाने से कतराते हैं। कुछ दवाइयों के सेवन और थेरेपी की मदद से आप आसानी से इससे मुक्ति पा सकते हैं।
पैनिक डिसऑर्डर : कभी कभी अचानक की किसी गंभीर समस्या से घिर जाने के कारण लोग पैनिक डिसऑर्डर के शिकार हो जाते हैं। यह अटैक कभी भी हो सकता है और यह इतना खतरनाक है कि ज्यादा होने पर मरीज की जान भी जा सकती है। सांस फूलना, चक्कर आना, पसीना आना और तेज घबराहट होना इसके मुख्य लक्षण है। अगर आप भी इस समस्या के शिकार हैं तो मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
फोबिया: पूरी दुनिया में पुरुषों की तुलना में महिलायें और बच्चे फोबिया के ज्यादा शिकार होते हैं। इसमें मरीज को किसी ख़ास जगह, व्यक्ति या किसी ख़ास चीज से बहुत ज्यादा डर लगता है। उदाहरण के तौर पर किसी को पानी से डर लगता है तो किसी को उंचाई से डर लगता है। ऐसे मरीजों के लिए कई तरह के थेरेपी मौजूद हैं जिनसे आसानी से आप अपने फोबिया से छुटकारा पा सकते हैं।
पोस्ट ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD): यह सबसे खतरनाक एंग्जायटी डिसऑर्डर होता है। इसमें मरीज को ऐसा अनुभव होने लगता है जैसे अभी उसकी जान चली जायेगी और ऐसे में मरीज बहुत ज्यादा परेशान हो जाता है। हालांकि बहुत कम लोग इस एंग्जायटी के शिकार होते हैं। फिर भी अगर आप ऐसा कुछ अनुभव कर रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं।
Read this in English
अनुवादक: Anoop Singh
चित्र स्रोत: Shutterstock