जर्मनी में मैग्डेबर्ग की ओटो वॉन गुरिके यूनिवर्सिटी में हुए एक ताजा अध्ययन में यह पता चला है कि निरंतर तनाव और कोर्टिसोल के बढ़े हुए स्तर से ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम में असंतुलन और वास्कुलर डिरेगुलेशन के कारण नेत्रों और मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शोध दल ने यह भी पाया कि इंट्राओकुलर प्रेशर में वृद्धि एंडोथेलियल डिसफंक्शन (फ्लैमर सिंड्रोम) और सूजन तनाव के कुछ ऐसे नतीजे हैं जिससे और नुकसान होता है। पुराने तनाव से एक लंबे समय तक भावनात्मक दबाव का सामना करना पड़ता है जिसमें व्यक्ति को लगता है कि उसके पास बहुत कम या