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Liver Disease In Diabetes: डायबिटीज में लिवर हो सकता है बहुत बीमार, एक्सपर्ट से जानें हेल्दी लिवर के लिए टिप्स

Liver Disease In Diabetes: डायबिटीज में लिवर हो सकता है बहुत बीमार, एक्सपर्ट से जानें हेल्दी लिवर के लिए टिप्स

कुछ स्टडीज और रिपोर्ट के अनुसार,डायबिटीज से पीड़ित लोगों में फैटी लिवर डिजिज ( risk of fatty liver disease in diabetes) और लिवर सिरोसिस (cirrhosis) जैसी स्थितियों का रिस्क बहुत अधिक होता है। 

Written by Sadhna Tiwari |Updated : June 2, 2023 2:07 PM IST

Risk Of Liver Diseases In Diabetes: डायबिटीज की बीमारी दुनियाभर में ना केवल तेजी से फैल रही है बल्कि,आज विश्वभर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गयी है। जैसा कि डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल हमेशा हाई रहता है और अगर इस ओर ध्यान ना दिया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल की वजह से कई तरह की बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याएं गम्भीर हो सकती हैं। इसी तरह हाई ब्लड शुगर लेवल का प्रभाव लिवर पर भी पड़ता है और लिवर से जुड़ी गम्भीर बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ स्टडीज और रिपोर्ट के अनुसार,डायबिटीज से पीड़ित लोगों में फैटी लिवर डिजिज ( risk of fatty liver disease in diabetes) और लिवर सिरोसिस (cirrhosis) जैसी स्थितियों का रिस्क बहुत अधिक होता है। (Risk Of Liver Diseases In Diabetes In Hindi.)

डायबिटीज में लिवर की बीमारियों का खतरा अधिक क्यों होता है? (The Link Between Diabetes and Liver Disease)

डॉ. कुमार गौतम (Dr. Kumar Gautam, MBBS.MD. Physician, Gaya) कहते हैं कि, हमारा लिवर शरीर में ग्लूकोज लेवल या ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्लूकोज का निर्माण करता है और उसे नसों में प्रवाहित करता है। जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर लम्बे समय तक हाई हो तो इससे लिवर का कार्य अनियंत्रित हो सकता है। इससे ग्लूकोज फैट में बदलकर लिवर में जमा होने लगता है। लिवर में लगातार जंमा हो रहे फैट से नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजिज ( nonalcoholic fatty liver disease) की बीमारी का कारण बन सकता है।

NAFLD लिवर की एक सामान्य बीमारी है। आंकड़ों के अनुसार आमतौर पर डायबिटीज से पीड़ित 75 फीसदी लोगों में नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजिजका रिस्क (Risk of Non Alcoholic fatty live disease in diabetes patients) होता है वहीं, नॉन-डायबिटीक (non-diabetics) लोगों में इसका रिस्क 25 % तक होता है। डॉ. कुमार गौतम के अनुसार, नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजिज एक कम गम्भीर स्थिति है और इसके लक्षण भी नहीं दिखायी देते। वहीं, टाइप 2 डायबिटीज नॉन-अल्कोहोलिक स्टिटोहेपेटाइटिस (nonalcoholic steatohepatitis -NASH) की स्थिति का कारण भी बन सकता है।

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डॉ.गौतम का कहना है कि, NASH एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में सूजन (inflammation in liver)  बढ़ जाती है और इसका इलाज ना करने से लिवर में घाव और नासूर बनने लगते हैं और यह आगे चलकर लिवर कैंसर का रिस्क (risk factors of liver cancer) भी बढ़ सकता है। लेकिन, इसके अलावा भी लिवर से अन्य बीमारियों का खतरा डायबिटीज के मरीजों में अधिक होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे-

डायबिटीज में लिवर की बीमारियों का रिस्क कम करने के उपाय क्या हैं (Tips for healthy liver)

  • अपने ब्लड शुगर लेवल को नियमित चेक करें और नियंत्रित (control blood sugar level for healthy liver) रखें।
  • वजन कम करें और मोटापे से बचें।
  • अल्कोहल का सेवन ना करें।
  • स्मोकिंग जैसी आदतें छोड़ दें।
  • हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी की वैक्सीन लगवाएं।
  • दवाइयों का सही समय और सही मात्रा में सेवन करें।

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