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बरसात के मौसम में चीजों का रखरखाव बहुत मुश्किल हो जाता है। कई बार लापरवाही बरतने पर दालें, अनाज वगैरह खराब भी हो जाते हैं। इस मौसम में दालों में घुन (lentils bugs hazards) लगने की समस्या बहुत होती है। कुछ लोग इसे नजरंदाज कर देते हैं। पर घुन लगी दाल का सेवन करने से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसी दाल का सेवन करने की बजाए उसे फेंक देना चाहिए। साथ ही जानिए ऐसे उपाय जिनसे दालों को घुन न लगें।
बरसात में ज्यादातर जीवाणुओं का प्रजनन काल होता है। वातावरण में नमी, गर्मी और ऑक्सीजन एक साथ मिलने के कारण इनमें जीवाणु पनपने लगते हैं। दालों में घुन लगने का भी यही कारण है। ढक्कन ठीक से बंद न होने के कारण या गीले हाथ इस्तेमाल करने के कारण दालों में घुन लग जाता है। ऐसी दालों का सेवन करने से बचना चाहिए।
वैसे तो दाल में लगा घुन सामने ही दिख जाता है। पर कई बार काले चने, काबुली चने या अन्य अनाजों में लगा घुन दिखाई नहीं देता। इसलिए इन्हें बनाने से पहले अच्छी तरह धोएं। धोने के बाद उन्हें कुछ देर पानी में भिगोकर रखें। पानी ली हुई दाल या अनाज से दोगुना होना चाहिए। थोड़ी देर पानी में भिगोकर रखने पर घुन और घुन लगे दालों के दाने तैरकर उपर आ जाएंगे। इन दानों को निकाल कर फेंक देना चाहिए।
दालों को घुन से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनके भंडारण यानी स्टोरेज में खास ध्यान रखें। ध्यान रखें कि कहीं से भी नमी कंटेनर के अंदर न जाने पाए। नमी के अंदर जाते ही उसमें जीवाणु बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। गर्मी और बरसात के मौसम में दालों में नीम की पत्तियां डाल कर रखें। चावल, गेहूं आदि अनाजों में बोरिक पाउडर भी डाला जा सकता है।
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