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घुन लगी दाल खाने से हो सकती हैं भयंकर बीमारियां, इस तरह करें बचाव

घुन लगी दाल खाने से हो सकती हैं भयंकर बीमारियां, इस तरह करें बचाव
इस तरह की दाल के कारण फूड पॉयजनिंग की समस्‍या हो सकती है। जिससे पेट दर्द, उल्टियां या दस्‍त हो सकते हैं। अगर दाल में घुन लग गया है और आपने भूलवश भी उसका सेवन कर लिया तो आपको हैजा होने का जोखिम रहता है। © Shutterstock

इस तरह की दाल के कारण फूड पॉयजनिंग की समस्‍या हो सकती है। जिससे पेट दर्द, उल्टियां या दस्‍त हो सकते हैं। अगर दाल में घुन लग गया है और आपने भूलवश भी उसका सेवन कर लिया तो आपको हैजा होने का जोखिम रहता है।

Written by Yogita Yadav |Published : September 21, 2019 8:59 PM IST

बरसात के मौसम में चीजों का रखरखाव बहुत मुश्किल हो जाता है। कई बार लापरवाही बरतने पर दालें, अनाज वगैरह खराब भी हो जाते हैं। इस मौसम में दालों में घुन (lentils bugs hazards) लगने की समस्‍या बहुत होती है। कुछ लोग इसे नजरंदाज कर देते हैं। पर घुन लगी दाल का सेवन करने से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसी दाल का सेवन करने की बजाए उसे फेंक देना चाहिए। साथ ही जानिए ऐसे उपाय जिनसे दालों को घुन न लगें।

क्‍यों लग जाता है घुन

बरसात में ज्‍यादातर जीवाणुओं का प्रजनन काल होता है। वातावरण में नमी, गर्मी और ऑक्‍सीजन एक साथ मिलने के कारण इनमें जीवाणु पनपने लगते हैं। दालों में घुन लगने का भी यही कारण है। ढक्‍कन ठीक से बंद न होने के कारण या गीले हाथ इस्‍तेमाल करने के कारण दालों में घुन लग जाता है। ऐसी दालों का सेवन करने से बचना चाहिए।

घुन लगी दाल खाने के नुकसान

  • इस तरह की दाल के कारण फूड पॉयजनिंग की समस्‍या हो सकती है। जिससे पेट दर्द, उल्टियां या दस्‍त हो सकते हैं।
  • अगर दाल में घुन लग गया है और आपने भूलवश भी उसका सेवन कर लिया तो आपको हैजा होने का जोखिम रहता है। छोटे बच्‍चों की तो डीहाइड्रेशन के कारण मौत भी हो सकती है।
  • घुन लगी हुई दाल खाने से कई बार शरीर के आंतरिक अंगों को भी नुकसान पहुंचता है। जिससे लीवर और किडनी भी प्रभावित हो सकते हैं।
  • दालों में लगा घुन भीतर ही भीतर उससे सभी पोषक तत्‍व चट कर जाता है। इसलिए ऐसी दाल का सेवन आपकी सेहत के लिए सिवाए कचरे के कुछ नहीं है।
  • खास बात यह कि ऐसी दाल पशुओं को भी नहीं खिलानी चाहिए। वरना उनके दूध से विषाक्‍तता होने का खतरा रहता है।

इस तरह करें घुन लगी दाल की पहचान

वैसे तो दाल में लगा घुन सामने ही दिख जाता है। पर कई बार काले चने, काबुली चने या अन्‍य अनाजों में लगा घुन दिखाई नहीं देता। इसलिए इन्‍हें बनाने से पहले अच्‍छी तरह धोएं। धोने के बाद उन्‍हें कुछ देर पानी में भिगोकर रखें। पानी ली हुई दाल या अनाज से दोगुना होना चाहिए। थोड़ी देर पानी में भिगोकर रखने पर घुन और घुन लगे दालों के दाने तैरकर उपर आ जाएंगे। इन दानों को निकाल कर फेंक देना चाहिए।

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दालों को घुन से बचाने का सबसे अच्‍छा तरीका है कि उनके भंडारण यानी स्‍टोरेज में खास ध्‍यान रखें। ध्‍यान रखें कि कहीं से भी नमी कंटेनर के अंदर न जाने पाए। नमी के अंदर जाते ही उसमें जीवाणु बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। गर्मी और बरसात के मौसम में दालों में नीम की पत्तियां डाल कर रखें। चावल, गेहूं आदि अनाजों में बोरिक पाउडर भी डाला जा सकता है।

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