Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
Symptoms of Weak Heart: दुनियाभर में हार्ट रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आज के समय में 30 से 40 साल के लोगों की भी हार्ट अटैक से मौत हो रही है। इसका कारण खराब खानपान, लाइफस्टाइल बेहतर न होना, स्ट्रेस में रहना इत्यादि है। इसके अलावा हार्ट डिजीज के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हार्ट कमजोर होने के लक्षण हमारे शरीर में पहले से ही नजर लाने लगते हैं। अगर आप इन लक्षणों पर समय पर ध्यान देंगे, तो काफी हद तक हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसी परेशानियों को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं कमजोर दिल होने के क्या लक्षण हैं?
जिन व्यक्तियों का दिल कमजोर होता है उनके शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों में दिल का कमजोर होना शामिल है। अगर आपको लगातार लंबे समय तक सीने में दर्द की परेशानी हो रही है, तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें। अगर आप डॉक्टर से संपर्क नहीं करते हैं, तो आपकी स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए बार-बार सीने में जलन की परेशानी होने पर डॉक्टर के पास जाएं।
दिल कमजोर होने की स्थिति में ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा हाई रहता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर, हार्ट अटैक की संभावना रहती है। ऐसी स्थिति को नजरअंदाज न करें। अगर आपको ब्लड प्रेशर की परेशानी है, तो समय-समय पर इसकी जांच कराएं, ताकि आप अपनी स्थिति के बारे में सही से जान सकें।
कई बार हार्ट कमजोर होने पर पैरों में भी दर्द हो सकता है। शरीर के ऐसे लक्षणों को अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए कोशिश करें कि पैरों में दर्द जैसी परेशानियों को भी नजरअंदाज न करें।
हार्ट से जुड़ी परेशानी होने पर सांस लेने में भी तकलीफ महसूस होती है। ऐसे में आपको छाती में दबाव भी हो सकता है। ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा भी रहता है। इसलिए अगर आपको सांस लेने में परेशानी जैसा महसूस हो रहा है, तो फौरन डॉक्टर से सलाह लें। ताकि आपकी स्थिति में सुधार किया जा सके।
शरीर से अगर आपको बिना वजह पसीना निकलता है, तो यह भी हार्ट डिजीज का लक्षण हो सकता है। पसीने के साथ सीने में दर्द की स्थिति में आपको डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है, ताकि आप अपनी समस्या का समय पर इलाज करा सकें।
कुछ स्थितियों में दिल कमजोर होने पर दिल की धड़कने काफी ज्यादा तेज होने लगती है। अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। वहीं, समय-समय पर अपना मेडिकल चेकअप जरूर कराएं।
शरीर में दिखने वाले इन बदलावों पर ध्यान देकर आप हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर की संभावना को काफी हद तक कम कर सकते हैं। ध्यान रखें कि शरीर के छोटे-छोटे लक्षण कभी विकराल रूप धारण कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की मदद लेना बहुत ही जरूरी है।
Follow us on