बढ़ रही व्‍यस्‍तता ने घर का माहौल पूरी तरह बदल दिया है। पहले जहां बच्‍चों की किलकारियों को घर की रौनक माना जाता था, वहीं अब बच्‍चों का माता-पिता से संवाद इतना कम हो गया है कि छोटे बच्‍चों में अवसाद का जोखिम बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए एक नई थेरेपी की मदद ली जा रही है। यह भी पढ़ें - क्‍या कुल्‍हड़ में पीने से बढ़ जाती है दूध की सेहत हैरान करने वाला तथ्ये कुछ मामलों में 3 साल की उम्र के बच्चों में भी डिप्रेशन पाया गया है। वहीं स्कूल जाने से पहले ही