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स्वस्थ्य मसूड़े, मजबूत दांत, साफ जीभ और ताजा सांसे ये सभी चीजें अच्छी ओरल हेल्थ की निशानी होती हैं। अच्छी ओरल हेल्थ बनाए रखने से मुंह में कई तरह की बीमारियों और विकारों को विकसित होने से रोका जा सकता है। मसूड़ों से खून आना ब्लड से जुड़ी समस्याओं के होने वाले पहले लक्षणों में से एक है। पीरियंडोंटाइटिस एक ऐसी ही बीमारी है जो दांतों के आसपास के मसूड़ों और हड्डी पर हमला करती है, आमतौर पर इससे बचने के लिए मुंह की सफाई से जुड़ी अच्छी आदतों को फॉलो करना अच्छा होता है। इसे बीमारियों का विकास नहीं हो पाता। इसके साथ ही 6 महीने में एक बार डेंटल क्लिनिक जाना अच्छा हो सकता है।
एशियन अस्पताल के दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ जुल्फिकार हफीज के मुताबिक, दांत में दर्द किसी के लिए भी असहनीय हो सकता है। इसके अलावा यह खराब ओरल हेल्थ का भी संकेत होता है। मुंह में कैविटी, बदबूदार सांसे और मसूड़ों की बीमारी इसके शुरूआती संकेत होते हैं। मसूड़ों में खून आना या दर्द होना अक्सर किसी बड़ी समस्या का लक्षण माना जाता है। वहीं मुंह में छाले किसी बैक्टीरिया या वायरस के इन्फेक्शन की वजह से हो सकते हैं। इन सभी लक्षणों के दिखने पर बिना देर किये डेंटिस्ट से सलाह लेना अच्छा हो सकता है।
डेंटल प्लाक एक ऐसा बैक्टीरिया है जो दांतों, मसूड़ों की समस्या को बढ़ाते हैं। यह दांतों में रंगहीन चिपचिपा जमाव के रूप में शुरू होता है और धीरे-धीरे गाढ़ा होकर पीले और भूरे रंग का हो जाता है। डेंटल प्लाक दांतों और मसूड़ों की बीमारियों के मुख्य कारणों में से एक है। नियमित रूप से ब्रश करने और फ्लॉस करने के साथ-साथ साल में कम से कम दो बार डेंटल क्लिनिक जाकर डेंटल प्लाक को हटवाया जा सकता है।
दरअसल, दांतों की ठीक तरीके से सफाई ना करने की वजह से प्लाक बनने लगता है, जिससे मसूड़ों की बीमारी हो सकती है। जिससे दांतों को अंदर से काफी नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज, दिल की बीमारी, प्रेगनेंसी की वजह प्लाक होने की सामान्य स्थितियां हैं। इनकी वजह से गंभीर मसूड़ों का इंफेक्शन हो सकता है। हालांकि डायबिटीज की वजह से भी मसूड़ों की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है, जिसका इलाज करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
लार कई तरह से आपके ओरल हेल्थ को सही रखने में कारगर हो सकती है। जो डाइजेशन में भी मदद करती है। लार में 99.5% पानी होता है। इसमें हार्मोन, एंटीबॉडी, एंजाइम और ग्रोथ के कारक होते हैं। इसमें मुंह के कैंसर, एचआईवी, डायबिटीज और सिस्टिक फाइब्रोसिस सहित कई ओरल और कई तरह की बीमारियों से निपटने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर ड्रग्स का परीक्षण करने के लिए किया जाता है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि, लार में ऐसे कई गुण होते हैं, जो घावों को भरने में मदद करते हैं, और उनमें फैलने से रोकते हैं। असल में यह हानिकारक वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं। लार मुंह के पीएच लेवल को क्षारीय बनाये रखती है, जो कई बैक्टीरिया के बढ़ने से रोकने का काम करती है। लार में मौजूद कैल्शियम दांतों को मजबूत रखता है।
पीएसआरआई हॉस्पिटल के डेंटिस्ट डॉ. विभूति जैन कहती हैं कि, अच्छी ओरल हेल्थ का सीधा कनेक्शन अच्छी हेल्थ से है। इसका मतलब ये है कि, ना सिर्फ सफेद दांत बल्कि हेल्दी मसूड़े, जीभ भी हैं। अगर ओरल हेल्थ अच्छी होगी डायबिटीज, दिल की बीमारी जैसी अन्य समस्याओं को भी रोकने में मदद मिलती है।
अच्छी ओरल हेल्थ के लिए हाइजीन का भी ख्याल रखना बेहद जरूरी है। हालांकि हम में से ज्यादातर लोग स्थितियों के बारे में जानकारी नहीं होती। एक्सपर्ट्स के मुताबिक देश में दांतों की कैविटी से 90 फीसदी वयस्क, 80 फीसदी बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
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