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डेंगू के लिए बाबा रामदेव की जड़ी-बूटियों को नकारा एम्स ने

डेंगू के लिए बाबा रामदेव की जड़ी-बूटियों को नकारा एम्स ने

बकरी के दूध से क्या डेंगू के इलाज का कोई वैज्ञानिक प्रमाण है?

Written by Agencies |Updated : January 5, 2017 4:43 PM IST

दिल्ली में डेंगू ने कोहराम मचाकर रखा है। और इसके असर से बचने के लिए बहुत तरह की चीजों की चर्चा की जा रही है। बाबा रामदेव ने भी जड़ीबूटों जैसे- गिलोय, एलोवेरा और पपीते से रस के सेवन से डेंगू ठीक होने की वकालत की है लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने यह कहकर इस बात का खंडन किया है कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण अब तक नहीं मिला है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे इस तरह की बातों के चक्कर में न पड़ें।  एम्स के विशेषज्ञों ने कहा कि उन्होंने कभी भी डेंगू के इलाज के लिए किसी को कोई जड़ी-बूटी नहीं दी। किसी भी शोध से इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है कि इनसे डेंगू के इलाज में मदद मिलती है। पढ़े-‘कैरीपिल’ टैबलेट से डेंगू को करें कंट्रोल

एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रमुख एस.के.शर्मा ने कहा, 'हम एलोवेरा, पपीता, बकरी के दूध और इस तरह के तमाम 'जड़ी-बूटी' वाले इलाज पर कभी अपनी मुहर नहीं लगाते। हम लोगों से कह रहे हैं कि वे इस तरह की बातों में न आएं। कोई शोध या वैज्ञानिक सबूत ऐसा नहीं है जो ठोस रूप से यह बताता हो कि इन जड़ियों और फलों से डेंगू का इलाज हो सकता है।' पढ़े-डेंगू के मरीज़ को भूलकर भी न दें एस्प्रिन!

उन्होंने कहा कि अगर इन चीजों के सेवन से प्लेटलेट्स बढ़ते भी हों तो भी इससे यह नतीजा नहीं निकाला जा सकता कि इनसे डेंगू ठीक हो जाएगा। इस पर अभी अध्ययन की जरूरत है।राष्ट्रीय राजधानी में दो और मौतों के साथ डेंगू से हुई मौतों की संख्या आधिकारिक रूप से 21 हो गई है। लेकिन, गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 60 लोगों की मौत डेंगू की वजह से हो चुकी है। पढ़े- डेंगू के 11 लक्षणों के बारे में जानें

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एम्स के सेंटर फार कम्युनिटी मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर अनिल गोस्वामी ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। डेंगू के 99 फीसदी मामले तो ऐसे होते हैं जो घर पर रहकर इलाज कराने से ही ठीक हो जाते हैं। डेंगू के मरीजों की मौत की दर महज 0.3 फीसदी होती है।

स्रोत: IANS Hindi

चित्र स्रोत:  Shutter Stock


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