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जानें गाउट होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

जानें गाउट होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

गाउट के परेशानी को करना है कम तो खायें चेरी!

Written by Editorial Team |Updated : January 5, 2017 8:36 AM IST

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अनुवादक: Mousumi Dutta.

क्या आपको पता है कि रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने पर गाउट या गठिया का रोग होता है। किडनी से जब निष्कासन काम जब अच्छी तरह नहीं होता है और खाने में प्यूरिन्स (purines) की मात्रा बढ़ जाती है तब गठिया अपना प्रकोप दिखाने लगती है। अगर आपको गाउट हुआ है तो न्यूट्रिशनिस्ट खुशबू  सहजवानी के सलाह के अनुसार डायट लेें-

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अल्कोहलिक ब्रेवरेज़ को अपने डायट से करें दूर- अगर आपको गठिया की बीमारी हुई है तो आप अल्कोहल के सेवन से दूर रहें। क्योंकि इससे किडनी से यूरिक एसिड के निष्कासन के जगह पर अल्कोहल का निष्कासन होता है फलस्वरूप रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जो गाउट के बीमारी के लिए भयानक साबित होता है। बीयर में जो यीस्ट और अल्कोहल रहता है वह भी गाउट के दर्द को बढ़ाता है।

सॉफ्ट ड्रिंक और पैकेज्ड जूस का सेवन करें कम-  इस तरह के खाद्द पदार्थों मे फ्रूकटोस कॉर्न सिरप की मिठास उच्च मात्रा में रहता है । अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार यही कॉर्न सिरप गठिया का कष्ट बढ़ने का कारण होता है।

एनिमल प्रोटीन के सेवन से बचे-  एनिमल प्रोटीन में उच्च मात्रा में प्यूरीन्स रहता है जो यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाता है। इसलिए पॉर्क, बीफ और लैंब का सेवन करने से बचे। सीफूड भी उच्च मात्रा में खाने से गठिया का कष्ट बढ़ता है।  यहाँ तक कि उच्च मात्रा में प्रोटीन खाने से भी कैंसर होने का खतरा बढ़ता है।

प्लान्ट बेस्ड प्रोटीन का सेवन ज्यादा करें- अगर आप गठिया के दर्द से कष्ट पा रहे हैं तो बीन्स और लेगुम्स को अपने डायट  में शामिल करें। सूर्यमुखी और अलसी में कम मात्रा में प्यूरिन्स होता है इसलिए इनको अपने डायट में शामिल करें।

लो फैट वाला डायट लें-  अगर आप अपने डायट में उच्च मात्रा में सैचुरेटेड फैट लेंगे तो शरीर से यूरिक एसिड के निष्कासन की क्षमता कम हो जायेगी। इसलिए ज्यादा फैट वाला डेयरी प्रोडक्ट डायट में लेने के जगह पर स्किम्ड मिल्क या लो फैट दही लें। इससे यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है।

ज्यादा मात्रा में चेरी का सेवन करें- डायट में चेरी को शामिल करने से सूजन को बढ़ाने वाले एन्जाइम के कार्य में बाधा उत्पन्न होता है। बॉस्टन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के संचालन के दौरान इस बात का पता चला कि नियमित रूप से डायट में कम से कम दस चेरी को शामिल करने पर गठिये के दर्द को कम किया जा सकता है।

चित्र स्रोत: Shutterstock

संदर्भ-

1. Hyon K. Choi, MD, DrPH; Walter Willett, MD, DrPH; Gary Curhan, MD, ScD, Fructose-Rich Beverages and Risk of Gout in Women, The Journal of American Medical Association, November 24, 2010, Vol 304, No. 20