Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
यह एक आम सवाल है कि क्या ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिला सर्जरी के बाद और हालत में सुधार होने के दौरान ब्रेस्फीडिंग करा सकती है। हालांकि इस सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि वर्तमान में महिला की क्या स्थिति है, वो किस तरह की दवाई ले रही है या सर्जरी के बाद वो किस हद तक सही हुई है। अपोलो इंद्रप्रस्थ हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट, ब्रेस्ट एंड ओंकोप्लास्टिक सर्जन डॉक्टर सिद्धार्थ साहनी आपको इस बारे में तमाम जानकारी दे रहे हैं।
1) सर्जरी/मैस्टेक्टमी- अगर सर्जरी द्वारा किसी महिला के दोनों स्तन हटाए गए हैं, तो स्तनपान संभव नहीं है। मैस्टेक्टमी में कैंसर से प्रभावित ब्रेस्ट को पूरी तरह रिमूव किया जाता है। इसलिए अनफेक्टिड ब्रेस्ट यानि रिमूव करने के बाद बचे हुए ब्रेस्ट से स्तनपान कराने की सलाह तब दी जाती है, जब महिला का इससे संबंधित इलाज नहीं चल रहा होता है या या उसे किसी तरह का ब्रेस्ट इन्फेक्शन नहीं होता है।
2) रेडिएशन थेरेपी- अगर किसी महिला को रेडिएशन थेरेपी की सलाह नहीं दी गई है, तो वो बच्चे को दूसरे ब्रेस्ट से जो प्रभावित नहीं है फीडिंग करा सकती है। रेडिएशन थेरेपी में ब्रेस्ट के कैंसर प्रभावित टिश्यू को रिमूव किया जाता है। इसके बाद ब्रेस्ट में दूध का उत्पादन नहीं हो पाता है। इसलिए दूसरे ब्रेस्ट से स्तनपान की सलाह दी जाती है।
3) कीमोथेरेपी- अगर कोई महिला पोस्ट ऑपरेटिव कीमोथेरेपी से गुजरी है, तो इस स्थिति में स्तनपान कराने से दवाओं के सक्रिय तत्व बच्चे के मुंह में जा सकते हैं। हालांकि कीमोथेरेपी के अभाव में ब्रेस्टफीडिंग कराना बिना किसी बाधा के संभव है। अगर किसी महिला की अतीत में कीमोथेरेपी हुई है और वो सुधार के दौरान गर्भवती हुई, तो उसे स्तनपान कराने की सलाह दी जा सकती है। अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान कीमोथेरेपी से गुजरती है और वो बच्चे को जन्म देती है, तो उसे स्तनपान कराने से कम से कम एक महीने पहले दवाओं का सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है।
Read this in English
अनुवादक – Usman Khan
चित्र स्रोत - Shutterstock