Health Risk For Men: 40 की उम्र आते ही आपका शरीर कमजोर होने लगता है। कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, यदि आपकी जीवनशैली, खानपान, एक्सरसाइज करने की आदत रूटीन में शामिल हो तो आप लंबी उम्र तक स्वस्थ रह सकते हैं। पर आजकल की जैसी लाइफस्टाइल लोग अपनाने लगे हैं, उसमें अब 35 की उम्र पार करते ही मासंपेशियों में दर्द, हड्डियों की समस्या, त्वचा पर झुर्रियां, झाइयां आदि नजर आने लगते हैं। कम उम्र में ही बाल सफेद होने लगते हैं। ये कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिन्हें आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करके रोक सकते हैं। आजकल महिलाओं के साथ पुरुष भी 40 की उम्र में ही कई तरह की शारीरिक समस्याओं (purushon me 40 ki umra me hone wali samasya) से ग्रस्त हो जाते हैं। ये कुछ ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें आप सावधानी (Men health issues during 40) बरतकर, अपने शरीर की तरफ ध्यान देकर रोक सकते हैं।
जैसे-जैसे आप 40 की उम्र में प्रवेश करते हैं, शरीर की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। मासंपेशियों के कारण ही शरीर मूवमेंट कर पाता है। ये हड्डियों को सपोर्ट देती हैं। यदि मांसपेशियों में समस्या होगी, तो आपकी हड्डियों को नुकसान होगा। गिरने पर बोन फ्रैक्चर हो सकता है। बेहतर है कि आप 30 प्लस में ही मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करें। हेल्दी डाइट लें।
इस उम्र में आते ही मेटाबॉलिज्म काफी बदल जाता है। खानपान सही नहीं होगा तो मेटाबॉलिज्म प्रभावित होगा। आज आप जो खाते हैं, वह शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने का काम करता है। कोलेस्ट्रॉल जब बढ़ता है, तो इसके साथ हार्ट की समस्याएं शुरू होने की संभावना रहती है। ब्लड प्रेशर हाई रहने लगता है। जरूरी है कि अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक कराते रहें। हेल्दी डाइट लें, जिसमें अधिक तेल, मसाला, जंक फूड, एक्स्ट्रा कैलोरी, फैट से भरपूर चीजें ना शामिल हों।
मूड स्विंग्स जैसे खीझना, चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान देखा जाता है। 40 की उम्र में आकर ये समस्याएं पुरुषों में भी नजर आ सकती हैं।घर-परिवार की जिम्मेदारी, रिलेशनशिप में समस्या, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का प्रेशर इस उम्र में पुरुषों में काफी बढ़ जाता है। उनके ऊपर बेहतर जॉब करने का भी प्रेशर होता है, ताकि घर की बढ़ती जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा सकें। अपने काम में पुरुष इतने व्यस्त रहते हैं कि वे खुद के ऊपर फोकस नहीं करते। ना ही खाने-पीने का होश रहता है, ना ही एक्सरसाइज करने के लिए समय निकाल पाते हैं। ऐसे में शरीर कई समस्याओं से घिरने लगता है। चिंता, स्ट्रेस, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, गुस्सा आदि के कारण मूड में काफी बदलाव देखने को मिल सकता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं। हेल्थसाइट इसकी पुष्टि नहीं करता है। इन बातों पर अमल करने से पहले किसी संबंधित विशेषज्ञ, डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें।)
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