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अनुवादक: Mousumi Dutta.
आम मेरी फेवरेट फ्रूट है लेकिन जब से डाइबिटीज़ हुआ है आम खाऊं कि नहीं समझ नहीं पा रही हूँ? लेकिन मुझे जानना है कि क्या आम खाना मधुमेह मरीज़ के लिए सेफ है?
आम एक ऐसा फल है जिसको हर कोई खाना पसंद करता है। लेकिन डाइबिटीज़ होने पर आम तौर पर लोग इसको खाने से कतराने लगते हैं क्योंकि उन्हें लगता है इससे ब्लड शुगर बढ़ने लगेगा। लेकिन न्यूट्रिशनिस्ट नेहा चांदना का कहना है कि डाइबिटीक मरीज़ों को आम खाना बिल्कुल छोड़ नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसमें बहुत सारे पौष्टिकतायें रहती हैं जिससे इंसान मरहूम रह जाते हैं। आम में मिनरल्स, विटामिन्स, विटामिन ए, फाइबर रहता है जो हेल्दी बॉडी के लिए ज़रुरी होता है। डाइबिटीक मरीज़ सुबह या मीड मॉर्निंग एक छोटू-सा आम खा सकते हैं। पढ़े- डायबिटीज़ के मरीज़ भी खा सकते हैं केला, जानिये क्यों!
डॉ. हरीश चंद्रा के अनुसार अगर डाइबिटीक आम खाना छोड़ना नहीं चाहते हैं तो वे 50 ग्राम आम खाने के बाद खा सकते है। लेकिन सावधानी के तौर पर स्ट्रेस फ्री रहकर एक्सरसाइज़ करना न भूलें। इससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में रहेगा और आप हेल्दी भी रहेंगे। इसके अलावा आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसमें 50 से ज्यादा ग्लिसेमिक इंडेक्स होता है जिससे शुगर का निष्कासन होता है जो शुगर लेवल को बढ़ाने में सहायता कर सकता हैं। वहीं डॉ. अजय कुमार, डाइबॉलोजिस्ट का कहना है कि आम और केलामें ग्लिसेमिक इंडेक्स ज्यादा रहने के कारण मधुमेह के मरीज़ इनको न ही खायें तो अच्छा है , वे इसके जगह मौसंबी या संतरा आदि खा सकते हैं।
डॉ. मैरिया कोलाजो क्लेवेल, एमडी, डॉक्टर एट मायो क्लिनिक का कहना है कि ये एक मिथक है कि डाइबिटीज़ होने पर मीठा फल बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। ऐसे बहुत से फल होते हैं जिनमें शुगर ज्यादा होता है। असल में कार्बोहाइड्रेड की पूरी मात्रा ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है ब्लड शुगर लेवल का स्रोत नहीं, चाहे वह स्रोत स्टार्च हो या शुगर हो। उनकी सलाह है कि डाइबिटीज़ के मरीज़ 83 ग्राम फल खा सकते हैं। डाइबिटीक सेब, बेरी, पपीता, पीच, आंवला, चेरी, खट्टेफल खा सकते हैं जिसमें लो ग्लिसेमिड इंडेक्स होता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
चित्र स्रोत: Shutterstock
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