वैसे तो फिंगरिंग से एसटीडी संबंधित तरह-तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं लेकिन एचआईवी होने का खतरा नहीं रहता है। शायद आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों? क्योंकि फिंगरिंग सिर्फ वैजाइना को उत्तेजित करने के लिए किया जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में एचआईवी होने का खतरा तभी होता है जब वैजाइनल फ्लूइड और पिरियड का ब्लड बॉडी के भीतर ब्लड स्ट्रिम के जरिये चला जाय। या फिर अगर आपके उंगली में किसी भी प्रकार का चोट या घाव लगा हुआ हो या पार्टनर के जननांग से किसी प्रकार का ब्लीडिंग हो रहा हो तो एचआईवी होने की संभावना