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बच्चों में ऐसे मैनेज करें अस्थमा

बच्चों में ऐसे मैनेज करें अस्थमा

बच्चे की दवा और वातावरण का ख़ास ध्यान रखें!

Written by Editorial Team |Updated : January 5, 2017 8:37 AM IST

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अनुवादक – Usman Khan

अस्थमा एक गंभीर समस्या है और इससे निपटना भी बहुत मुश्किल है काम है। खासकर बच्चों को अस्थमा होने पर उनका विशेष ध्यान रखना पड़ता है। आपको बता दें कि अस्थमा ठीक नहीं हो सकता है लेकिन कुछ ज़रूरी बातों पर अमल करके इसे कंट्रोल में ज़रूर रखा जा सकता है। पढ़ें- अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में जानें!

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बच्चे और अस्थमा का कनेक्शन

बच्चों को ये समस्या धूल, कण, मिट्टी, कुत्ते व बिल्ली के संपर्क में आने से हो सकती है। वायरल या बैक्टीरियल श्वसन संक्रमण जैसे सर्दी, ब्रोंकाइटिस और साइनस इन्फेक्शन आदि भी इसका कारण हो सकते हैं। फूड्स में दूध, अंडे, मूंगफली, गेहूं, मछली और सोडियम बिसलफाइट, पोटेशियम बिसलफाइट से भी दमा के लक्षणों को गति दे सकते हैं।

बच्चों में एलर्जी के जोखिम को ऐसे करें कम

रोजाना चादर और तकिया कवर बदलें। कपड़े गर्म पानी में धोएं। रसोई और बाथरूम साफ रखें। तिलचट्टे को रोकने के लिए सूखा रखें। कारपेट की जगह लकड़ी का फर्श या टाइल के साथ बदलें। पालतू जानवरों को घर में रखने से बचें। उन्हें बाहर रखें। स्टफ्ड एनिमल रखने से बचें। घर में धुआं न रहने दें। अगर बच्चे को खाने से अस्थमा की शिकायत है, तो तुरंत एलर्जी टेस्ट कराएं। एस्पिरिन, पेन किलर (एनएसएआईडी) जैसी कुछ दवाओं से भी अस्थमा हो सकता है, ऐसी दवाओं से बचना चाहिए।

बच्चे के फेफड़ों के कामकाज पर रखें नजर

इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा अपने फेफड़ों से कितनी जल्दी हवा बाहर निकाल सकता है। आमतौर पर अस्थमा का दौरा पड़ने से पहले ये कुछ दिनों तक कम हो जाता है।

दवाओं का रखें ध्यान

सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा चिकित्सक द्वारा निर्धारित नियमित रूप से दवाएं लेता है या नहीं। दवाओं से वायुमार्ग के व्यास और बेचैनी को सामान्य बनाए रखने के में मदद मिलती है।

सही समय पर दवा लेना

त्वरित राहत दवाओं का इस्तेमाल त्वरित राहत के लिए अस्थमा के हमलों के दौरान किया जाता है। अस्थमा के दौरे से बचने के लिए कंट्रोल ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है। इस बारे में अंतर को समझने के लिए डॉक्टर से बात करें। पढ़ें- अस्थमा का इलाज बीच में न छोड़ें, हो सकती है ये परेशानी

उपकरण का उपयोग सिखाएं

नेब्युलाइजर का छोटे बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपका बच्चा बड़ा है, तो आप उसे इनहेलर का इस्तेमाल सिखाएं।

बच्चे को खेलने से न रोकें

अक्सर अस्थमा पीड़ित बच्चों को खेल से दूर रखा जाता है। वास्तव में सांस फूलने के कारण उन्हें खेलने के लिए मन किया जाता है। आपको बता दें कि अगर बच्चा नियमित रूप से दवा ले रहा है, तो वो भी अन्य बच्चों की तरह खेल सकता है।

बच्चे की स्थिति के बारे में उसके दोस्तों को बताएं

इस बारे में उसके शिक्षक, कोच, दोस्तों, आदि को बताएं। उसकी दवाओं के बारे में उन्हें बताएं। ताकि दौरा पड़ने के समय वो भी सही दवा का इस्तेमाल कर सकें।

चित्र स्रोत - Shutterstock