कई लोग ऐसा मानते हैं कि लगभग 20 मिनट ऑयल पुलिंग यानि तेल से कुल्ला करने से मसूड़ों की बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है। कुल्ला करने के लिए तिल का तेल, नारियल तेल और सूरजमुखी का तेल आदि का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर निकिता गोयल आपको ऑयल पुलिंग के फायदे और नुकसान बता रही हैं।
इससे मसूड़ों की बीमारी नहीं थमती- दांतों में जमे मैल को निकालने के लिए आपको ब्रश करने या फ्लॉस की जरूरत होती है। बीस मिनट तक तेल से कुल्ला करने से मैल कम हो सकता है लेकिन इस तकनीक से मसूड़ों की बीमारियों से नहीं बचा जा सकता है।
खराब तेल हो सकता है हानिकारक- खराब तेल से कुल्ला करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए बेहतर क्वालिटी वाला आर्गेनिक ऑयल का ही इस्तेमाल करें। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययन के अनुसार हर पांच आयुर्वेदिक उत्पादों में से एक में मर्करी, लीड और आर्सेनिक का लेवल अधिक होता है, जो कि हानिकारक है।
इससे दांतों में चमक नहीं आती- रोजाना बीस मिनट ऑयल पुलिंग करने से कुछ दांतों से मैल जरूर निकल सकता है लेकिन इससे आपके दांतों में चमक नहीं आ सकती है।
बच्चों के लिए हानिकारक- बच्चे तेल निगल सकते हैं जो गलत ट्यूब में जा सकता है जिससे लिपोइड निमोनिया हो सकता है। बच्चों के दांत स्वस्थ रखने के लिए उनमें रोजाना ब्रश करने की आदत विकसित करें।
इससे जबड़े के दर्द का इलाज नहीं होता- कई लोग ऐसा मानते हैं कि तेल का कुल्ला करने से जबड़े का दर्द कम होता है। आपको बता दें कि इससे आपको थोड़ी देर के लिए राहत जरूर मिल सकती है लेकिन पूरी तरह राहत मिलना असंभव है।
इससे आपके स्वास्थ्य को कोई फायदा नहीं- अभी तक इस बात का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि ऑयल पुलिंग से एक्जिमा, अस्थमा और सिरदर्द जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।
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अनुवादक – Usman Khan
चित्र स्रोत - Shutterstock
सन्दर्भ- [1] Saper RB, Kales SN, Paquin J, Burns MJ, Eisenberg DM, Davis RB, Phillips RS. Heavy metal content of ayurvedic herbal medicine products. JAMA. 2004 Dec 15;292(23):2868-73. PubMed PMID: 15598918.
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