Read this in English
अनुवादक: Anoop Singh
हमारे देश में लोग टॉयलेट एटिकेट्स के बारे में बात करने में शर्माते हैं। हालांकि सच्चाई यह है कि अभी भी अधिकांश लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है कि मल त्याग करने के बाद उस हिस्से को साफ़ करने का सबसे सही तरीका कौन -सा है और कैसे सुनिश्चित करें कि उस हिस्से से मल पदार्थ पूरी तरह साफ़ हो चुका है।
आजकल के सभी तरह के इंडियन टॉयलेट्स में एक जेट स्प्रे ज़रूर होता है साथ ही टॉयलेट पेपर भी रखा होता है। वहीँ कुछ जगहों पर बाल्टी और मग की व्यवस्था रहती है। भारतीय लोग टॉयलेट पेपर की बजाय पानी का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं और उनका मानना है कि यह मल को साफ़ करने का सबसे सुरक्षित और हाइजीनिक तरीका है। वहीँ दुनिया के बाकी विकसित देशों में लोग सिर्फ टॉयलेट पेपर का ही इस्तेमाल करते हैं। इस बारे में हमने मुंबई स्थित वोकहार्ड्ट हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलाजिस्ट डॉ. तारिक पटेल से बातचीत की और जानना चाहा कि आखिर टॉयलेट करने के बाद उसे साफ़ करने का सही तरीका क्या है?
उन्होंने बताया कि ‘जेट स्प्रे का इस्तेमाल करना ज्यादा सही है क्योंकि इससे वो हिस्सा पूरी तरह साफ़ भी हो जाता है और आपको हाथो से उस हिस्से को छूना भी नहीं पड़ता है। सिर्फ टॉयलेट पेपर से उस हिस्से को साफ़ करने से मल पदार्थ लगे रहने की गुंजाइश बची रहती है। वैसे मैं अपने मरीजों को यह सलाह देता हूँ पहले वे जेट स्प्रे से ठीक से धो लें फिर टॉयलेट पेपर से उस हिस्से को अच्छी तरह पोछ लें’। पढ़ें: इन 9 बातों को मानेंगे तो पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से नहीं पड़ेंगे बीमार
इसके अलावा सिर्फ टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से जिन लोगों को बवाशीर या फिशर की शिकायत होती है उन्हें पेपर को रगड़ने से दिक्कत हो सकती है। इसलिए अगली बार जब भी टॉयलेट जाएँ तो पहले जेट स्प्रे का इस्तेमाल करें फिर टॉयलेट पेपर से पोछें।
चित्र स्रोत: Shutterstock
Follow us on