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मस्तिष्क पक्षाघात के कारण, लक्षण और उपचार

मस्तिष्क पक्षाघात के कारण, लक्षण और उपचार
Representative image © Shutterstock

क्या सेरेब्रल पाल्सी का इलाज संभव है?

Written by Mousumi Dutta |Updated : April 19, 2017 1:02 PM IST

सेरेब्रल पाल्सी  या मस्तिष्क पक्षाघात मोटर तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है और आम तौर पर प्रारंभिक अवस्था या बचपन में प्रकट होता है कि यह एक मस्तिष्क संबंधी विकार है।

सेरेब्रल पाल्सी मस्तिष्क संबंधी विकार है जो न्यूरोलॉजिकल डिसऑडर के कारण होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये बीमारी की प्रारंभिक अवस्था बचपन में ही नजर आने लगती है। लेकिन इसके लिए माँ-बाप को बच्चे पर नजर रखने की जरूरत होती है। ये शिशु अवस्था में ही सही तरह से मस्तिष्क का विकास न होने के कारण या मस्तिष्क के विकास के अवस्था में किसी प्रकार से क्षति पहुँचने के कारण होता है।

विशेषज्ञ डॉ लीना देशपांडे, एक प्रसिद्ध विकासात्मक बाल रोग विशेषज्ञ मस्तिष्क पक्षाघात से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बता रही है कि ये कैसे होता है, इसके लक्षण और उपचार क्या है?

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कारण

इस अवस्था में मसल्स के मूवमेंट में प्रॉबल्म होता है। लेकिन ये प्रॉबल्म नर्व के कारण नहीं होता है बल्कि मस्तिष्क के आंशिक भाग में ऐब्नॉर्मैलटी के कारण मसल्स के मूवमेंट में प्रॉबल्म नजर आने लगता है। जैसे-

• आम तौर यह बीमारी मस्तिष्क को शिशु के जन्म के पहले, दौरान या बाद में चोट लगने के कारण होता है।

• प्रेगनेन्सी के दौरान किसी प्रकार के इंफेक्शन के कारण भ्रूण के नर्वस सिस्टेम को क्षति पहुँच सकती है।

• जन्म के समय कम वज़न, किसी प्रकार के इंफेक्शन या समय से पहले जन्म लेने पर भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है।

• भ्रूण के मस्तिष्क में किसी कारण ऑक्सिजन की कमी के कारण या डिलीवरी के समय किसी प्रकार के तनाव के कारण भी इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है।

लक्षण

• सेरेब्रल पाल्सी शिशु का पूर्ण विकास होने में देर होता है, देर से बात करना सिखते हैं, आँखों का प्रॉबल्म होगा, सुनने में भी समस्या आती है आदि।

• बच्चे को नीचे बैठने में या सर को ऊपर उठाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे बच्चों को अच्छी तरह बैठने या देर तक खड़े होने में प्रॉबल्म होता है।

• लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि ऐसे बच्चे दूसरे नॉर्मल बच्चों की तरह ही बुद्धि रखते हैं।

निदान 

जितनी जल्दी इस बीमारी का पता लग जाता है उतनी जल्दी ही इसका निदान संभव हो पाता है और बीमारी का सही तरह से इलाज करने में सहायता मिलती है। सेरेब्रल पाल्सी का इलाज बच्चे के शारीरिक अवस्था और हिस्टरी पर डिपेंड करता है। ब्रेन के इस ऐब्नॉर्मैलटी का पता ईईजी (EEG) और एमआरआई स्कैन (MRI scan) से पता चल जाता है।

उपचार

वैसे तो इस बीमारी का पूर्ण रूप से इलाज संभव नहीं है। लेकिन इलाज के मदद अवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है। इसके लिए ज़रूरी है माता-पिता ठीक होने की आशा न छोड़े और अपने मन को हमेशा पॉजिटिव रखें। इसके उपचार के तरीकों में दवाएं तो हैं ही शामिल लेकिन फिजियोथेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी भी किया जाता हैं।स्पीच और लैंग्वेज़ थेरपी के द्वारा सुनने और देखने की क्षमता में सुधार लाया जा सकता है।

घोड़े की सवारी ( hippotherapy)  आज सबसे प्रभावी न्यूरो विकास पद्धति माना जाता है। एक नए शोध में, डॉक्टरों ने मस्तिष्क पक्षाघात जैसे कई ब्रेन के ऐब्नॉर्मैलटी को, मस्तिष्क की कोशिकाओं को त्वचा कोशिकाओं में परिवर्तित करके इस बीमारी के अवस्था को सुधारने का एक रास्ता निकाला है।

मूल स्रोत: Cerebral palsy

अनुवादक - Mousumi Dutta

चित्र स्रोत - Shutterstock image


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