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ये मौसम डेंगू के वायरस का सबसे खतरनाक (Critical stage of dengue) मौसम माना जाता है। इस मौसम में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की संख्या काफी बढ़ जाती है। साथ ही हरियाली बढ़ने के कारण उनके छिपने और हमला करने के ठिकाने में भी खूब बढ़ जाते हैं। पर हर बार डेंगू खतरनाक (Critical stage of dengue) नहीं होता। अगर शुरूआती स्टेज पर पता चल जाए तो डेंगू का इलाज किया जा सकता है। पर यहां हम कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं जिनसे आपको यह मालूम चल जाएगा कि कहीं डेंगू की बीमारी खतरनाक स्टेज पर तो नहीं पहुंच गई।
बरसात के मौसम में ज्यादातर कीट प्रजनन करते हैं। जिसकी वजह से इन दिनों में मच्छरों की तादाद काफी बढ़ जाती है। इससे डेंगू का वायरस और उसके फैलने की संभावना भी पहले के दिनों में ज्यादा बढ़ जाती है। जिससे डेंगू फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।
इसमें प्लेटलेट काउंट काफी कम हो जाता है। जिससे मरीज की सेहत और जान दोनों को खतरा हो सकता है। पर हर बार डेंगू पर बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं होती। आप उन्हें घरेलू उपायों से भी नियंत्रण में ला सकते हैं। डेंगू को हम दो श्रेणियों (Critical stage of dengue)में बांट सकते हैं। हल्का डेंगू और खतरनाक डेंगू।
डेंगू फैलने के 3 से 7 दिन बाद तक यह काफी क्रिटिकल हो जाता है। पहला चरण पूरा होने के बाद जब मरीज के शरीर का तापमान डाउन होने लगता है तब लोगों को लगता है कि वह ठीक हो रहा है। जबकि यह गंभीर स्टेज (Critical stage of dengue) होती है।
बहुत तेज पेट दर्द, लगातार उल्टियां, मसूड़ों से खून आना, खून की उल्टियां होना, सांस लेने में तकलीफ होना, मोटापा और बहुत तेजी से थकान होना. जब मरीज में डेंगू के यह लक्षण दिखाई दें तो उसे तत्काल पास के अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में या पास की किसी डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
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