A country achieves herd immunity when a large cross section of its population around a specific area becomes resistant to certain viruses and bacteria.
Covid-19 and Precaution after Lockdown: कोविड-19 इंफेक्शन (Covid-19 Infection) से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिग (Social Distancing) का तरीका बहुत कारगर है। क्योंकि, इसमें लोगों का एक-दूसरे सम्पर्क बहुत कम होता है और इसीलिए, इंफेक्टेड व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तरह यह वायरस ट्रैवल नहीं करता है। इसी उद्देश्य के साथ भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था, जिसकी समय सीमा अब बढ़ा दी गयी है। जैसा कि भारत में इन दिनों लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है, जो 15 अप्रैल से शुरु होकर 3 मई तक चलने रहेगा। कोरोना वायरस के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के आधार पर 14 अप्रैल को खत्म होने वाले पहले लॉकडाउन के अंतिम दिन ही दूसरे चरण में भी लॉकडाउन की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और कम्यूनिटी स्प्रेड (Community Spread) से बचने के लिए जहां लॉकडाउन एक आवश्यक कदम है। लेकिन, इस बंदी का लोगों की ज़िंदगी पर भी बहुत व्यापक असर पड़ा है। लेकिन, राहत की बात यह है कि अब देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन में थोड़ी बहुत ढील देने का फैसला लिया गया है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गैनाइजेशन (World Health Organization) का सुझाव है कि लॉकडाउन को अलग-अलग चरणों में खत्म करना चाहिए। जिनेवा में आयोजित जी-20 देशों की मीटिंग के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ट्रेडोस अधानोम ने कहा कि, लॉकडाउन हटाना का अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि दुनिया से कोरोना वायरस का ख़तरा टल चुका है। यह केवल अगले चरण की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे अपने नागरिकों को जागरूक, शिक्षित और तैयार करें ताकि इस इंफेक्शन के किसी भी नये मामले की शुरुआत को रोका जा सकें और लक्षण दिखायी देने पर ज़रूरी एहतियात बरतने में लोग सक्षम बन सकें।
घर में की दिनों से बंद रहने की वजह से अब लोग उतावले हो रहे हैं कि कब लॉकडाउन खत्म हो और कब वे घरों से बाहर निकल सकें। कुछ लोगों ने तो अभी से प्लानिंग शुरु कर दी है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद वे क्या-क्या करेंगे। पार्टी, घूमना-फिरना और शॉपिंग जैसे कामों के लिए लोग अलग-अलग तरीकों से योजनाएं बना रहे हैं। लेकिन, ज़रा संयम से काम लीजिए। क्योंकि, ऐसा करना ख़तनाक साबित हो सकता है। भले ही आपके आसपास कोरोना वायरस के केसेस में कमी आ गयी हो। लेकिन, हो सकता है कि नोवेल कोरोना वायरस किसी अनजानी जगह छुपा हुआ हो और शॉपिंग या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर के दौरान आपको अपनी चपेट में ले ले। इसीलिए, लॉक़ाउन के बाद इन बातों का ध्यान रखें, और इन ग़लतियों से किसी भी तरह बचनें की कोशिश करें।
अपने दोस्तों से कई दिनों बाद मिलने की खुशी और उत्साह तो होता ही है। लेकिन, लॉकडाउन के बाद इसे आज़ादी का जश्न ना बना दें। लोगों से मिलने-मिलाने के लिए ना तो घर में कोई पार्टी रखें और ना ही किसी के घर जाएं। इसी तरह, होटलों और रेस्टोरेंट्स जैसे भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी जाने से बचें। क्योकि, ऐसी जगहों पर हो सकता है कोई ऐसा व्यक्ति भी मौजूद हो जिसमें कोविड-19 के लक्षण एक्टिव हों। इससे, संक्रमण का दूसरों तक फैल सकता है।
बार-बार हाथ धोने से कोरोना वायरस से सुरक्षा मिलती है। इसीलिए, लॉकडाउन के बाद भी इस आदत को ना छोड़ें। इस महामारी के खत्म होने के बाद या इसके किसी वैक्सिन के आ जाने के बाद भी हाथों की साफ-सफाई का महत्व कम नहीं होता। बार-बार हाथ धोने से, दोबारा संक्रमण की चपेट में आने या बीमार पड़ने से बच सकेंगे आप।
कोई कह नहीं सकता कि आने वाले दिनों में क्या होगा। हो सकता है कि कोरोना वायरस के मामले फिर से उभर कर सामने आने लगें। इसीलिए, अपनी सुरक्षा के लिए बनाए गए या खरीदे गए फेस मास्क को घर में संभालकर रखें, उन्हें फेंके नहीं।
Follow us on