Coronavirus: क्या कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज हो सकता है.?
Coronavirus: कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज | TheHealthSite Hindi
कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज (coronavirus Ayurvedic treatment) भी सुझाया है. अब सवाल यह उठता है कि क्या कोरोवा वायरस का आयुर्वेदिक इलाज संभव है.?
Written by akhilesh dwivedi|Updated : February 4, 2020 2:47 PM IST
भारत में भी कोरोना वायरस के 3 मरीज सामने आ चुके हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वाले ये तीनों मरीज केरल के हैं. इन तीनों मरीजों में कोरोना वायरस का संक्रमण चीन में ही हुआ था. ये तीनों कोरोना वायरस संक्रमण वाले मरीज चीन से वापस लौटकर आए हैं. अभी तक कोरोना वायरस से विश्वभर में 18,992 लोग संक्रमित हो चुके हैं. कोरोवा वायरस के कारण मरने वालों की संख्या 425 तक पहुंच गयी है. भारत में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है. इसके साथ ही कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for coronavirus) भी सुझाया है. अब सवाल यह उठता है कि क्या कोरोवा वायरस का आयुर्वेदिक इलाज संभव है.
इस मामले में हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स मानते हैं कि कोरोना वायरस का इलाज आयुर्वेदिक (Coronavirus Ayurvedic treatment) दवाओं से हो सकता है या नहीं अभी यह शोध का विषय है. आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गये उपाय कोरोना वायरस के लक्षणों पर नियंत्रण पाने वाले हैं.
इन आयुर्वेदिक उपायों से कोरोवा वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस से बचने के जो उपाय बताए गये हैं उनका पालन करके आप कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं. कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव की जानकारी ही जान बचा सकती है.
कोरोना वायरस के आयुर्वेदिक इलाज | Coronavirus Ayurvedic treatment
आयुष मंत्रालय द्वारा जो कोरोना वायरस का इलाज सुझाया गया है वो हम यहां पर दे रहे हैं. इस आयुर्वेदिक उपाय से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम गुनगुने पानी के साथ दिन दो बार लेना चाहिए.
शेषमणि वटी को 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लेना चाहिए.
त्रिकटु अर्थात पिप्पली, मरीच और शुंठी पाउडर 5 ग्राम और तुलसी की 3 से 5 पत्तियों को 1 लिटर पानी के साथ उबाल लें. यह पानी जब उबालते हुए आधा लिटर बचे तब उसे ठंडा करके एक बोतल में रख लें. इसे आप दिन में 2 से 4 घूंट ले सकते हैं.
प्रतिमार्स नास्य- यह एक आयुर्वेदिक प्रक्रिया है. इसमें आप रोजाना सुबह तिल के तेल की दो बूंदें नाक में डालते हैं.