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Congo Fever in Hindi: कोरोनावायरस महामारी के बीच, पालघर (Palghar) में अधिकारियों ने घातक क्रिमियन कांगो हैमरेज फीवर (crimean congo fever india) (सीसीएचएफ) या कांगों फीवर या बुखार (Congo Fever in palghar) को लेकर अलर्ट जारी किया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह पशुओं से मानव में फैला है। यहां के कलेक्टरेट ने सभी मीट और पॉल्ट्री विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को कांगो बुखार को लेकर अलर्ट रहने और एहतियात बरतने के लिए कहा है, जिसका मृत्युदर 10 से 40 प्रतिशत के बीच है। इसकी भी कोरोनावायरस की ही तरह कोई वैक्सीन (Vaccine) उपलब्ध नहीं है।
कलेक्टर डॉ. मानेक गुरसाले का कहना है कि हमने सभी मीट विक्रेताओं को हाइजीन और सफाई के लिए आवश्यक उपाय करने और गलव्स व मास्क पहनने को कहा है। साथ ही, संबंधित विभाग से संपर्क करने के बाद ही गुजरात सीमा के रास्ते पशुओं को महाराष्ट्र लाने के दौरान समुचित जांच करने के लिए कहा है।" जिला सिविल सर्जन कंचन वनारे ने कहा कि हालांकि, पालघर में कांगो बुखार का कोई केस अभी तक नहीं आया है, पड़ोसी गुजरात में इस बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं, इसलिए एहतियात बरते जा रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कांगो फीवर (Congo fever mortality rate) मृत्यु दर 10-40 प्रतिशत है। पशुओं या इंसान के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। माना जाता है कि कांगो बुखार सबसे ज्यादा अफ्रीकी और यूरोपियन देशों में ही होता है। हालांकि, अब ये कुछ अन्य देशों में भी अपना पैर पसारने लगा है। कांगो बुखार (Congo fever) जानवरों की चमड़ी पर पाए जाने वाले वायरस के कारण होता है। यह जानवरों को होता है और संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से इंसानों को भी हो जाता है। वैसे लोग जो जानवरों की देखभाल करते हैं, पशु पालते हैं, उनमें इस खतरनाक बुखार होने की संभावना सबसे अधिक रहती है। यह काफी खतरनाक है और इलाज ना करवाने पर मौत भी हो सकती है।
बुखार होने के साथ ही खून आ सकता है। शरीर के कई अंग फेल हो सकते हैं। अन्य लक्षणों में शरीर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जकड़न और कमजोरी महसूस करना, सीने और आंखों में जलन होना, चक्कर आना आदि शामिल हैं।