• हिंदी

इन 6 हार्मोनल बदलाव के कारण झड़ते है आपके बाल

इन 6 हार्मोनल बदलाव के कारण झड़ते है आपके बाल

अच्छे खानपान के बावजूद जानिए क्यों झड़ते हैं आपके बाल!

Written by Editorial Team |Published : February 3, 2017 12:41 PM IST

पुरुष और महिलाओं में बाल झड़ने के कई  कारण होते हैं। इनमें बढ़ती उम्र, खराब खानपान, तनाव, हार्मोन, आनुवांशिक गड़बड़ी, हेयर डाई का अधिक इस्तेमाल और स्मोकिंग आदि शामिल है। वैसे महिलाओं में बाल झड़ने के सबसे आम कारणों में हार्मोनल परिवर्तन है। क्या आप बालों को झड़ने से बचाने के घरेलू उपचार जानते हैं? हम आपको बता रहे हैं कि किन-किन हर्मोन में परिवर्तन होने की वजह से बाल झड़ते हैं।

(1) प्रोलैक्टिन- यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्लैंड से उत्पादित होता है, जो मुख्य रूप से ब्रेन के बेस पर स्थित होता है। ये हार्मोन सेंट्रल नर्वस सिस्टम, इम्यून सिस्टम, स्किन यूट्रस और मैमरी द्वारा भी उत्पादित होता है। महिलाओं में समय और पीरियड्स साइकिल के अनुसार प्रोलैक्टिन का लेवल 2 से 0.025 मिलीग्राम / एमएल होता है लेकिन प्रोलैक्टिन लेवल 0.2 मिलीग्राम /एमएल होना हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया रोग के रूप में जाना जाता है। कई अध्ययनों में इस बात का जिक्र किया गया है कि हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया बाल झड़ने और पुरुषों में गंजापन (एंड्रोजेनिक एलोपेसिया) का कारण बनता है। एक अध्ययन के अनुसार, हाइपोथायरायडिज्म के साथ हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया यानि गंजेपन का कारण बनता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, 0.4 मिलीग्राम / मिलीलीटर प्रोलैक्टिन हेयर शाफ्ट यानि बालों को स्किन से अलग होने से रोकता है और प्रीमैच्युर केटाजन विकास को बढ़ाता है, जिससे बालों का बढ़ना रुक जाता है और बालों की जड़ें स्किन छोड़ना शुरू कर देती हैं जिसका परिणाम बालों के झड़ने के रूप में सामने आता है।

(2) कोर्टिसोल- तनाव के कारण भी बाल झड़ते हैं। डॉक्टर सेमूर वीवर के अनुसार, तनाव के कारण बालों के रोम प्रभावित होते हैं जिससे बालों का विकास नहीं हो पाता है। तनाव की स्थिति में दो से चार महीने बाद ही बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। कोर्टिसोल हार्मोन एड्रेनल ग्लैंड द्वारा उत्पादित होता है। यानि लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल उत्पादन होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, पुराने दर्द से परेशान, बेरोजगार, शिफ्ट में काम करने वाले और हृदय की समस्याओं से पीड़ित लोगों में कोर्टिसोल का लेवल अधिक होने के चांस होते हैं जिस वजह से उनके बाल झड़ने के भी अधिक चांस होते हैं। हेयर ग्रोथ के लिए प्रोटेयोग्लाईकैन्स और ह्यालूरोनन हेयर ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण स्किन एलेमेंट्स हैं। कोर्टिसोल का लेवल बढ़ना दोनों स्किन एलेमेंट्स को लगभग 40 फीसदी कम कर सकता है जिससे बाल बढ़ने का चक्र छोटा हो सकता है।

Also Read

More News

(3) डीएचटी- डीएचटी यानि डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन हार्मोन आनुवंशिक गड़बड़ी के साथ-साथ विशेष रूप से पुरुषों में गंजेपन का कारण बनता है। मेल पैटर्न बाल्डनेस में टेस्टास्टरोन नामक हार्मोन जो कि पुरूषों में अधिक मात्रा में मौजूद होता है और पुरूषों के प्रजनन अंगों की बढ़ोतरी और विकास के लिए जिम्मेदार होता है, यह 5-अल्फा रिडक्टेज नामक एक एंजाइम द्वारा डिहाइड्रोटेस्टास्टरोन में बदल जाता है। डीएचटी, जो कि टेस्टास्टरोन का ही एक उत्पा‍द है यह बालों के रोमकूपों को संकुचित करते हुए उन पर विपरीत असर डालता है और वृद्धि को प्रभावित करता है। टेस्टास्टरोन का डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन में बदलना एक सामान्य प्रक्रिया है क्योंकि टेस्टास्टरोन को पूरी तरह असरदार बनाने के लिए शरीर को डीएचटी की ज़रूरत होती है। लेकिन कुछ खास वजहों से जब यह ज़्यादा मात्रा में बनने लगता है तो बाल झड़ने लगते हैं।

(4) एस्ट्रोजन- महिलाओं में बॉल झड़ने के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन काफी अहम रोल निभाता है। इसका लेवल बढ़ने से पुरुषों में हेयर ग्रोथ कम हो सकती है। जापान के शोधकर्ताओं द्वारा किया गए एक अध्ययन के अनुसार, टेस्टास्टरोन और एस्ट्रोजन दोनों हार्मोन बालों के विकास में बाधा डाल सकते हैं। कई महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद बाल झड़ने की समस्या देखी जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था और उसके बाद एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है।

(5) इंसुलिन- शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि गंजेपन का शिकार 35 साल से कम उम्र के लोगों में इंसुलिन का लेवल बढ़ा हुआ पाया गया था, जो मोटापे, हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों के साथ जुड़ा हुआ है। खराब जीवनशैली और आनुवांशिक गड़बड़ी के कारण शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ सकता है। इंसुलिन रेसिस्टेंट के कारण अग्न्याशय अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने लगता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से कोर्टिसोल का लेवल बढ़ता है जिसे बालों के झड़ने के साथ जोड़कर देखा जाता है।

(6) थायराइड- बालों का झड़ना हाइपोथायरायडिज्म का एक मुख्य लक्षण है। थायराइड हार्मोन हेयर फॉलिकल के सेल्स के साथ-साथ बॉडी के सभी सेल्स को प्रभावित करते हैं। ये इन चार कामों को रेगुलेट करते हैं- बॉडी में कैलोरी बर्निंग रेट, बॉडी टेम्परेचर, हार्टबीट और मसल्स कोंट्राक्टशन। जर्मनी की लुबेक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, थायराइड हार्मोन बाल विकास चक्र के चरण लंबा और बाल विकास के अन्य बाकी चरण को रोक देते हैं। इसलिए थायराइड हार्मोन का लेवल बढ़ना और कम होना बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। हालांकि थायराइड विकार के उपचार के बाद बालों का विकास शुरू हो जाता है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, जिंक की कमी हाइपोथायरायडिज्म के कारणों में से एक है जिस वजह से थायराइड उपचार कराने के बाद भी बालों का विकास नहीं होता है।

Read this in English

अनुवादक – Usman Khan

चित्र स्रोत - Shutterstock

सन्दर्भ- Freeman M, et al. Prolactin: Structure, Function, And Regulation Of Secretion. Physrev.physiology.org.10 January 2000 Vol. 80 no. 4, 1523-1631.

Lutz G. Hair loss and hyperprolactinemia in women. Dermato-endocrinology. 2012;4(1):65-71. doi:10.4161/derm.19472.

Foitzik K, Krause K, Conrad F, Nakamura M, Funk W, Paus R. Human Scalp Hair Follicles Are Both a Target and a Source of Prolactin, which Serves as an Autocrine and/or Paracrine Promoter of Apoptosis-Driven Hair Follicle Regression. The American Journal of Pathology. 2006;168(3):748-756. doi:10.2353/ajpath.2006.050468.

Novak MA, Hamel AF, Coleman K, et al. Hair Loss and Hypothalamic–Pituitary–Adrenocortical Axis Activity in Captive Rhesus Macaques (Macaca mulatta). Journal of the American Association for Laboratory Animal Science : JAALAS. 2014;53(3):261-266.

Thom, E. Stress And The Hair Growth Cycle: Cortisol-Induced Hair Growth Disruption. J Drugs Dermatol. 2016 Aug 1;15(8):1001-4.

Urysiak-Czubatka I, Kmieć ML, Broniarczyk-Dyła G. Assessment of the usefulness of dihydrotestosterone in the diagnostics of patients with androgenetic alopecia. Advances in Dermatology and Allergology/Postȩpy Dermatologii i Alergologii. 2014;31(4):207-215. doi:10.5114/pdia.2014.40925.

Kondo, S., Y. Hozumi, and K. Aso. “Organ Culture Of Human Scalp Hair Follicles: Effect Of Testosterone And Oestrogen On Hair Growth”. Archives of Dermatological Research 282.7 (1990): 442-445.

Matilainen, Veikko, Pentti Koskela, and Sirkka Keinänen-Kiukaanniemi. Early Androgenetic Alopecia As A Marker Of Insulin Resistance. The Lancet 356.9236 (2000): 1165-1166.

van Beek, Nina et al. Thyroid Hormones Directly Alter Human Hair Follicle Functions: Anagen Prolongation And Stimulation Of Both Hair Matrix Keratinocyte Proliferation And Hair Pigmentation. The Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism 93.11 (2008): 4381-4388.

Betsy A, Binitha M, Sarita S. Zinc Deficiency Associated with Hypothyroidism: An Overlooked Cause of Severe Alopecia. International Journal of Trichology. 2013;5(1):40-42. doi:10.4103/0974-7753.114714.