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पीरियड्स से जुड़ी इन 2 समस्याओं को मामूली समझ ना करें नज़रअंदाज़, सेहत औऱ फर्टिलिटी दोनों पड़ सकती है खतरे में

एक्सपर्ट्स के अनुसार, पीरियड फ्लो महिलाओं की फर्टिलिटी यानि प्रजनन क्षमता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण संकेत देता है। इसीलिए पीरियड फ्लो से जुड़ी समस्याओं को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। (Periods related problems and infertility )

Written by Sadhna Tiwari |Updated : July 30, 2021 5:35 PM IST

Periods related problems and infertility: मेंस्ट्रुएशन महिलाओं की ज़िंदगी का एक हिस्सा है और हर महिला को हर महीने इससे गुज़रना पड़ता है। कुछ महिलाओं के लिए माहवारी के दौरान कम पीरियड फ्लो होता है तो कुछ को बहुत अधिक। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पीरियड फ्लो महिलाओं की फर्टिलिटी यानि प्रजनन क्षमता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण संकेत देता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पीरियड्स की अवधि, मेंस्ट्रुएशन फ्लो और पीरियड्स के नियमित होने जैसे महत्वपूर्ण फैक्टर्स शरीर में बनने वाले हार्मोन्स द्वारा तय किए जाते हैं। यही हार्मोन्स महिलाओं के पीरियड्स को नियमित बनाते हैं और महिलाओं को गर्भधारण करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसीलिए पीरियड फ्लो से जुड़ी समस्याओं को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। (Periods related problems and infertility in Hindi)

ये पीरियड रिलेटेड प्रॉब्लम्स हो सकती हैं इंफर्टिलिटी का संकेत

पीरियड्स मिस होना

गर्भधारण की कोशिश कर रही महिलाओं के लिए पीरियड्स मिस होना (missing periods)  या कई सप्ताह तक पीरियड्स ना आना सबसे महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। लेकिन, अगर अगर आप प्रेगनेंसी प्लान नहीं कर रहीं या आप सेक्सुअली एक्टिव नहीं है तो पीरियड्स मिस होना एक गम्भीर समस्या हो सकती है। (when missing periods could be a serious health issue) ऐसे में डॉक्टर से इस बारे में बात करें ताकि समस्या के मूल कारण का पता चल सके। पीरियड्स ना आना अक्सर प्रजनन क्षमता से जुड़ी किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है। पीसीओएस एक ऐसी ही समस्या है जिसमें पीरियड्स मिस हो सकते हैं। वहीं, ज़िंक की कमी, तेज़ी से वजन कम होने या हाइपोथाइरॉइडिज्म जैसी स्थितियों में भी पीरियड्स मिस हो सकते हैं। (Periods related problems and infertility)

पीरिड्स के अलावा ब्लड फ्लो

कई बार महिलाओं को पीरियड्स बीतने के बाद या अगले पीरियड्स शुरु होने से काफी समय पहले अचानक से पीरियड् फ्लो होना या स्पॉटिंग (Spotting) होने जैसी समस्याएं भी होती हैं। स्पॉटिंग आमतौर पर शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन होने की वजह से होती है। जब शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स (progesterone levels) का स्तर बहुत कम हो जाता है, या एस्ट्रोजेन का स्तर बहुत अधिक हो जाता है तो स्पॉटिंग होने लगती है।  अगर, आपको यह समस्या महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। समस्या का पता लगाने के लिए हार्मोन टेस्ट की सलाह दी जाती है और इसी टेस्ट के परिणाम के आधार पर आपका उपचार आगे बढ़ाया जा सकता है।

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