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Lifestyle Habits Causing Heart Diseases: हार्ट से जुड़ी बीमारियों और हार्ट अटैक का रिस्क जहां तेजी से बढ़ रहा है वहीं, लोगों की लाइफस्टाइल में भी तेजी से बदलाव आए हैं। जिसका असर उनके हार्ट पर पड़ता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार हृदय एक ऐसा अंग है जिसके बीमार पड़ने या कमजोर होने की संभावना सबसे अधिक होती है और डाइट से लेकर स्ट्रेस जैसे कई कारणों से हृदय रोग (causes of increasing heart diseases) बढ़ सकते हैं। यही वजह है कि मॉडर्न लाइफस्टाइल के साइड-इफेक्ट्स के तौर पर कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और हार्ट डिजिज का रिस्क भी अधिक देखा जा रहा है।
वहीं, लोगों की रोजमर्रा की कई आदतें भी हार्ट को कमजोर बना देती हैं। ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में पढ़ें यहां जो हार्ट डिजिज का खतरा बढ़ाती है और इनकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी रिस्क बढ़ता है। (Lifestyle Habits Causing Heart Diseases in Hindi)
मोटापा कई बीमारियों का रिस्क बढ़ाने वाली स्थिति है। मोटापे की वजह से हार्ट डिजिज का रिस्कभी बढ़ जाता है। विशेषकर कमर के आसपास जमा चर्बी जिसकी वजह से तोंद बाहर निकल आती है, वह हार्ट के लिए बहुत नुकसानदायक है। एक्सपर्ट्स के अनुसार बेली फैट कम ना करने से हार्ट डिजिज की बीमारियां तो बढ़ती ही हैं। साथ ही ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर लेवल की समस्या भी गम्भीर हो सकती है।
हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह एक्सरसाइज ना करने की आदत (not exercising) भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के डेटा के अनुसार दुनियाभर में 81 प्रतिशत से अधिक लोगों कसरत नहीं करते और इस आदत के चलते असंक्रामक बीमारियों(Non-communicable disease) जैसे हार्ट अटैक, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि साल 2030 तक इन बीमारियों के मरीजों की संख्या कई गुना तक बढ़ जाएगी।
अल्होकल और सिगरेट लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं और लोग इनके खतरों के बारे में जानते हुए भी इनकै सेवन करते रहते हैं। जानकारों के अनुसार, सिगरेट और शराब का अधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ जाता है, इससे स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ता है और कॉग्निटिव हेल्थ पर भी असर पड़ता है जिससे लोगों को दिमागी काम करने में दिक्कतें आ सकती हैं।
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