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सिलिएक भी हो सकता है बच्‍चे की अंडर ग्रोथ का कारण

सिलिएक भी हो सकता है बच्‍चे की अंडर ग्रोथ का कारण
सीलिएक एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील हो जाता है। इससे बचने में हाई फाइबर फूड मददगार हैं। © Shutterstock

गर्भावस्‍था में हाई फाइबर लेकर होने वाले बच्‍चे को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।

Written by Yogita Yadav |Updated : June 10, 2019 1:40 PM IST

सिलिएक रोग से ग्रस्‍त बच्‍चों की ग्रोथ बहुत कम होती है। उन्‍हें पाचन संबंधी समस्‍याएं भी रहती हैं। कई बार उनकी चमड़ी का रंग इस तरह पीला हो जाता है कि जैसे उन्‍हें पीलिया हो गया हो। असल में यह अनुवांशिक ऑटो इम्‍यून बीमारी है। पर आप चाहें तो गर्भावस्‍था के समय ध्‍यान देकर अपने बच्‍चे को इस बीमारी से बचा सकती हैं।

क्या है सीलिएक रोग?

सीलिएक एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील हो जाता है। ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन है, जो गेंहूं, जौ आदि में पाया जाता है। सीलिएक रोग होने पर व्यक्ति जब ग्लूटेन वाले आहार खाता है, तो उसकी छोटी आंतों को नुकसान पहुंचता है। हर 100 में से 1 बच्चा सीलिएक रोग का शिकार है।

समझें सिलिएक के लक्षण

सीलिएक रोग में ग्लूटन खाने से छोटी आंतों को नुकसान होता है। शरीर को पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप कई रोग और लक्षण सामने आते हैं। लक्षणों में कुछ पेट से संबंधित जैसे दस्त, पेट दर्द, पेट फूलना, उल्टी शरीर का विकास न होना, शरीर का वजन कम होना और कुछ अन्य अंगो से संबंधित जैसे लीवर की बीमारियां, हडि्डयों की बीमारी, दांत में एनोमिल की दिक्कत, अनीमिया (खून की कमी), बार-बार गर्भपात,  शरीर में दाने, कमजोरी इत्यादि शमिल हैं।

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गर्भावस्‍था में रखें इस बात का ध्‍यान

फाइबरयुक्त आहार खाना हर किसी के लिए फायदेमंद होता है। मगर हाल में हुई एक रिसर्च बताती है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के लिए फाइबरयुक्त आहार खाना उसके शिशु के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इससे होने वाले शिशु को सीलिएक रोग का खतरा नहीं होता है। सीलिएक रोग के कारण शिशु के जन्म के बाद उसका वजन बढ़ना बंद हो सकता है या उसकी लंबाई रुक सकती है। ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है।

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क्‍या कहती है रिसर्च

इस रिसर्च में 88,000 ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया, जो गर्भवती थीं। इन महिलाओं को गर्भावस्था के 22वें सप्ताह से फाइबर और ग्लूटेन वाले आहार खाने के लिए कहा गया था। बाद में महिलाओं से जन्मे शिशुओं का 11 साल तक परीक्षण किया गया, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि, फाइबरयुक्त आहार खाने वाली महिलाओं के शिशुओं को सीलिएक रोग का खतरा बहुत कम हो जाता है।

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ये हैं फाइबर युक्‍त आहार

सभी प्राकृतिक आहारों में फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। हरी-रंगीन सब्जियां, फल, मोटे अनाज आदि फाइबर के बहुत अच्छे स्रोत होते हैं। गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चे सलाद, कच्चे फल, दलिया, ब्राउन ब्रेड, चिकन, अंडे आदि का सेवन करना चाहिए। इनसे आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व और फाइबर मिल जाते हैं।