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दुनिया भर में तेजी से फैल रहे कैंसर में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है सर्वाइकल कैंसर यानी गर्भाशय के मुंह का कैंसर। भारत में भी कई महिलाएं इससे पीडि़त हैं। एक अनुमान के मुताबिक हर आठ मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर के कारण मर रही है। पर घबराने की जरूरत नहीं है। सर्वाइकल कैंसर के बचाव के लिए वैक्सीन (Cervical cancer vaccine) उपलब्ध है। पर क्या आप इस वैक्सीन के बारे में जानते हैं।
यह सर्वाइकल अर्थात गर्भाशय के मुंह का कैंसर है। भारत में महिलाओं की जान लेना वाला यह दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। इसके बावजूद लोग इसके प्रति लापरवाह हैं। ज्यादातर महिलाओं को जब तक इसके बारे में पता चलता है, तब वह तीसरी स्टेज पर पहुंच चुका होता है। जिसमें उम्र तो बढ़ाई जा सकती है पर उसका कोई भी इलाज नहीं हो पाता।
सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer vaccine) ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से होता है। यह वायरस यौन गतिविधियों के जरिए फैलता है। इसलिए इसे विकसित करने वाले वैज्ञानिकों का जोर इस बात पर है कि इसे किशोरावस्था में ही लड़कियों को लगा दिया जाए। जिससे वे भविष्य में सर्वाइकल कैंसर के रिस्क से बच सकें।
[caption id="attachment_677477" align="alignnone" width="655"] सर्वाइकल कैंसर ऐसा एकमात्र कैंसर हैं, जिससे बचाव की दवा विकसित (Cervical cancer vaccine) की जा चुकी है। ©Shutterstock.[/caption]
सर्वाइकल कैंसर ऐसा एकमात्र कैंसर हैं, जिससे बचाव की दवा विकसित (Cervical cancer vaccine) की जा चुकी है। सर्वाइकल कैंसर प्रीवेंटिव वैक्सीन (Cervical cancer vaccine) लगवाने से महिलाएं 70 वर्ष तक की उम्र तक सर्वाइकल कैंसर से बच सकती हैं। सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन लगवाने की सही उम्र 11 से 26 उम्र के बीच है। सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है कि वह किशोरियों को पंद्रह वर्ष की उम्र से पहले ही लग जाए।
सामान्यत: इस वैक्सीन (Cervical cancer vaccine) की तीन डोज दी जाती हैं। पर अगर वैक्सीन आइडियाल एज यानी 11 से 15 वर्ष के बीच दे दी गई है तो ऐसी स्थिति में सिर्फ दो डोज ही काफी हैं। इस वैक्सीन को लेने के बाद माना जाता है कि 70 वर्ष तक आप सर्वाइकल कैंसर के जोखिम से बच गए हैं। हालांकि सेक्सुअल लाइफ शुरू होने के बाद अगर सर्वाइकल संबंधी कोई समस्या आती है तो पैप स्मीयर टेस्ट करवा लेने की सलाह दी जाती है।
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