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क्या है सर्वाइकल कैंसर? जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

क्या है सर्वाइकल कैंसर? जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके
क्या है सर्वाइकल कैंसर, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

आमतौर पर ह्यूमन पैपीलोमा वायरस की वजह से सर्वाइकल कैंसर होता है। सेक्सुअल ऐक्ट्स के ज़रिए इस वायरस का प्रसार होता है। इसीलिए सुरक्षित यौन सम्बद्ध से सर्वाइकल बनाना आवश्यक है।  आंकड़ों के मुताबिक, 6-7 प्रतिशत महिलाओं को किसी भी उम्र में सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। हालांकि, अधिकांश मामलों में एचपीवी इंफेक्शन खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है। लेकिन, कुछ केसेस में यह कैंसर की वजह बन सकता है।

Written by Sadhna Tiwari |Published : August 30, 2020 9:28 PM IST

Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में यह महिलाओं में पाया जाने वाला कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है। सर्वाइकल कैंसर की वजह से महिलाओं की मृत्यु की दर भी बहुत अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक, 8 मिनट बाद दुनिया में एक महिला में सर्वाइकल कैंसर की गम्भीर स्थिति या मृत्यु की घटना का पता चलता है।  इस प्रकार का कैंसर गर्भाशय में होता है। महिलाओं के सर्विक्स यानि गर्भाशय के मुंह वाले हिस्से (ग्रीवा) में सर्वाइकल कैंसर की स्थिति बनती है। महिलाओं को अक्सर बहुत देर से इसका पता चलता है। आमतौर पर ह्यूमन पैपीलोमा वायरस की वजह से सर्वाइकल कैंसर होता है। सेक्सुअल ऐक्ट्स के ज़रिए इस वायरस का प्रसार होता है। इसीलिए सुरक्षित यौन सम्बद्ध से सर्वाइकल बनाना आवश्यक है।  आंकड़ों के मुताबिक, 6-7 प्रतिशत महिलाओं को किसी भी उम्र में सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। हालांकि, अधिकांश मामलों में एचपीवी इंफेक्शन खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है। लेकिन, कुछ केसेस में यह कैंसर की वजह बन सकता है। (Cervical Cancer Cases)

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Cervical Cancer Symptoms):

  • असामान्य वैजाइनल ब्लीडिंग
  • पीरियड्स के अलावा ब्लड फ्लो
  • इंटरकोर्स के समय दर्द और ब्लीडिंग

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के तरीके

सुरक्षित सेक्स करें:

सर्वाइकल कैंसर का ख़तरा असुरक्षित सेक्स से बढ़ जाता है। इसीलिए,  अनप्रोटेक्टेड सेक्स से बचें। बिना कंडोम सेक्सुअल एक्ट आपके लिए सर्वाइकल कैंसर का ख़तरा बढ़ा देगा।

नियमित पैप स्मियर टेस्ट कराएं:

सही समय पर कैंसर के लक्षणों की पहचान से इसके सही समय पर इलाज में मदद होगी। इसीलिए, हर 2 साल में एक बार पैप स्मियर टेस्ट करवाएं।

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स्मोकिंग से परहेज:

धूम्रपान से कैंसर के लक्षण और स्थिति गम्भीर हो जाती है। इसी तरह तम्बाकू और धुएं को कैंसर का एक लक्षण भी माना जाता है।

हेल्दी, संतुलित डायट:

फलों, सब्ज़ियों और मसालों से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व जैसे, विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स शरीर को कैंसर का सामना करने के लिए सक्षम बनाते हैं।

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