अक्सर सिर दर्द, फूड प्वॉइजनिंग या पेट में किसी समस्या के कारण जी मिचलाना या उल्टी आने की शिकायत होती है। उल्टी कई और कारणों से भी आ सकती है। उल्टी आना या जी मिचलाना कई बार सामान्य होता है, तो कई बार किसी गंभीर रोग के कारण (Causes of Vomiting) भी होता है। ऐसे में बेहतर है उल्टी आने के कारण (Causes of Vomiting), लक्षण और उपचार के बारे में जानना...
वोमिटिंग या उल्टी (What is nausea and vomiting) कोई बीमारी नहीं हैं, बल्कि एक प्रक्रिया है जो कि कुछ विशेष कारणों से होती है। मेडिकल की भाषा में इसे "इमेसिस" कहते हैं। उल्टी एक अनियंत्रित और अनैच्छिक शारीरिक प्रक्रिया है।
उल्टी आने पर पेट के अंदर मौजूद पदार्थ मुंह के रास्ते बाहर निकल जाते हैं, जबकि जी मिचलाना का मतलब होता है कि आपको उल्टी आने जैसा महसूस हो रहा है। हालांकि, वास्तव में उल्टी आती नहीं है।
उल्टी और जी मिचलाने के कई कारण होते हैं और हर उम्र के लोगों को यह होता है। मतली और उल्टी दोनों ही मस्तिष्क के उसी भाग द्वारा नियंत्रित की जाती हैं, जो अनैच्छिक शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। उल्टी एक ऐसा रिफ्लक्स है, जो मस्तिष्क के संकेत पर काम करता है।
उल्टी के संकेत शरीर में कई उत्तेजनाओं से उत्पन्न होते हैं, जैसे गंध, स्वाद, विभिन्न बीमारियां, भावनाएं जैसे डर, दर्द, जलन, चक्कर आना आदि जैसे शारीरिक परिवर्तन।
1. कई बार पेट और गले में जलन होती है, जिसके कारण उल्टी और मतली जैसा महसूस होता (Causes of Vomiting) है। पेट की परत में या गले में होने वाली जलन जैसी समस्याओं के कारण इसोफेजाइटिस (esophagitis) या तीव्र गेस्ट्राइटिस (Acute gastritis) जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
2. माइग्रेन या गंभीर सिर दर्द के कारणभी उल्टी (vomiting due to headache) आती है।
3. खोपड़ी के अंदर दबाव (इंट्राक्रेनियल प्रेशर) बढ़ने से भी उल्टी आती है। इसमें किसी बीमारी या चोट से मस्तिष्क में इंट्राक्रेनियल का दबाव बढ़ता है, तो उल्टी सी महसूस हो सकती है।
4. थकान महसूस करने, शरीर का तापमान बढ़ने, अधिक तेज धूप में घूमने या शरीर में गर्मी के कारण निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने से भी जी मिचलाने या उल्टी की समस्या महसूस होने लगती है।
5. यदि आपको गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स बीमारी है, तो भी उल्टी आ सकती है। इसमें पेट से अम्लीय पदार्थ इसोफेगस के अंदर रिफ्लक्स होने लगते हैं।
6. पेप्टिक अल्सर यानी पेट में छाला होना। यह पेट की अंदरूनी परत में जलन पैदा करते हैं, जो अधिक फैलने से पेट की रक्षात्मक परत को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उल्टी और मितली लगने की संभावनाएं बढ़ती हैं।
7. कुछ दवाओं के सेवन से भी उल्टी होती है। नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लेमेट्री दवाएं जैसे एस्पिरिन और आइबूप्रोफेन आदि और शराब, स्मोकिंग के सेवन से भी पेट की अंदरूनी परत में जलन पैदा होती है। इसके बाद आपको उल्टी या जी मिचलाने की समस्या हो सकती है।
8. पेट में किसी प्रकार का संक्रमण, जलन, पेट में ऐंठन, बुखार, ठंड लगना, रोटावायरस से फैलने वाला संक्रमण आदि भी उल्टी का कारण बनता है। फूड प्वॉइजनिंग होने से भी गंभीर रूप से उल्टियां होने लगती हैं।
9. प्रेग्नेंसी के दौरान भी महिलाओं को उल्टी होती है, जो एक सामान्य प्रक्रिया है।
10. दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आने पर भी कुछ लोगों को उल्टी और मतली (Vomiting in heart attack) का अनुभव होता है। यह एन्जाइना का एक सामान्य लक्षण होता है। साथ ही फेफड़ों के संक्रमण जैसे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस आदि में उल्टी लगने लगती है।
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