रिसर्च के अनुसार, हृदय रोग या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (cardiovascular diseases) दुनिया भर में मृत्यु दर और लोगों के बीमार होने का एक प्रमुख कारण है। सालाना लगभग 17.5 मिलियन मौतें इससे होती हैं और इनमें से 75 प्रतिशत निम्न मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में होती हैं। इस समस्या में लक्षण बिना किसी चेतावनी के होते हैं या स्ट्राइक करते हैं, जो स्थिति को बदतर बना देता है। सीवीडी कोरोनरी आर्टरी डिजीज, एट्रियल फाइब्रिलेशन, हार्ट अटैक, जन्मजात हृदय रोग (cardiovascular diseases) आदि सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करते हैं और ज्यादातर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाते हैं।
इस बारे में बात करते हुए मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, साकेत के डायरेक्टर और यूनिट हेड डॉ. रिपेन गुप्ता ने बताया कि हृदय रोगों का अक्सर निदान करना मुश्किल होता है। इस तथ्य को देखते हुए कि उनके संकेतों और लक्षणों को अक्सर अन्य शारीरिक स्थितियों में होने वाली लक्षणों को समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर हार्ट बर्न है, जो अपच या अम्लता के कारण होता है, लेकिन कई बार यह दिल से संबंधित समस्याओं के कारण भी होता है, जिसे अधिक दिनों तक नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में दिल से संबंधित समस्याओं और उनके लक्षणों को समय पर पहचानना महत्वपूर्ण है।
कुछ ऐसे संकेत (cardiovascular disease symptoms) हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है, इनमें छाती में दर्द या दबाव, जो एंजाइना का संकेत देता है (cardiovascular diseases)। बांह में दर्द या बैचेनी, उल्टे कंधे, कोहनी, जबड़े और पीछे दर्द या बैचेनी, मतली या थकान, चक्कर या पसीना आना। इनमें से किसी भी स्थिति का सामना करने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें और इस स्थिति को नियंत्रित करने का प्रबंध करें।
Heart Diseases : इनोवेटिव ट्रीटमेंट मेथड्स से हार्ट डिजीज का सफल उपचार अब संभव
डॉ. गुप्ता ने बताया कि तनाव अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और व्यस्त कार्यक्रम जैसे कारकों के कारण आज लोग सीवीडी के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। सीवीडी के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों में ये संबंधित कारक लंबे समय में हानिकारक साबित हो सकते हैं। उच्च रक्तचाप में मधुमेह का भी महत्वपूर्ण योगदान है और यह उच्च कोलेस्ट्रॉल के साथ जुड़ा हुआ है, जो दिल के दौरे और हृदय रोग के जोखिम को काफी बढ़ाता है। इसलिए लंबे समय तक जटिलताओं से बचने के लिए कम उम्र में एहतियात और रोकथाम को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
दिल से जुड़ी बीमारियां (cardiovascular diseases treatment) या जोखिम जैसे हार्ट अटैक होने पर तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। इसके उपचार की पद्धतियों में एन्जियोप्लास्टि आदि शामिल है, जिससे हार्ट मसल्स को होने वाले नुकसान को कम किया जाता है या टाला जा सकता है। एन्जियोप्लास्टि का उपयोग रक्त प्रवाह को पुनः बनाने में होता है। इस प्रक्रिया में एक लंबीए पतली ट्यूब कैथेटर आर्टरी के सिकुड़े हुए हिस्से में डाली जाती है। एक पतले तार की जाली स्टंट को एक गुब्बारे पर रखकर कैथेटर से सिकुड़ी हुई आर्टरी में डालकर गुब्बारे को फुलाया जाता है। यह संकुचित आर्टरी की दीवारों पर स्टंट को संकुचित आर्टरी में छोड़ देता है। ड्रग मिले हुए स्टंट दवाई छोड़ते हैं और संकुचित आर्टरी को ठीक करने की प्रक्रिया में मदद करते हैं।
Follow us on