अचानक कार्डियेक अरेस्ट (cardiac arrest) की आशंका वाले रोगियों में किए गए एक अध्ययन से यह पता चला है कि इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर थेरेपी या आईसीडी (Implantable Cardioverter Defibrillator Therapy) के उपयोग से मृत्यु जोखिम में दर में 49 प्रतिशत तक की कमी आई है उनकी तुलना में जिन्होंने आईसीडी इम्प्लांट नहीं लिया है। भारत में कार्डियेक अरेस्ट के मरीजों में आईसीडी थेरेपी का उपयोग कम हुआ है। आज इस बात की आवश्यकता है कि जीवन बचाने में इस थेरेपी के प्रभाव को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए और इस तथ्य की भी कि वेन्ट्रीक्युलर अराहायथेमिस के उपचार में यह 99