दर्द एक ऐसा दुखदायी फैक्टर होता है जिसका सामना हर तरह के कैंसर मरीज करते है। दो तरह की परिस्थितियां होती है जहां पर कैंसर का मरीज दर्द को महसूस कर सकता है। पहला तब होता है जब कैंसर मेटास्टेसाइजिंग होता है या शरीर के अन्य भागों में फैलता है और इस प्रक्रिया में तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ता है। दूसरा यह है कि भले ही कैंसर आकार में छोटा होता है लेकिन स्पाइनल कॉर्ड या नर्व को दबाता है इससे दर्द होता है। जिन मरीजों का सफलतापूर्वक ट्रीटमेंट पूरा हो चुका होता है वे भी सर्जरी या रेडियोथेरेपी के