• हिंदी

क्‍या पार्टनर से फैल सकता है दाद? मानसून में बरतें खास सावधानी

क्‍या पार्टनर से फैल सकता है दाद? मानसून में बरतें खास सावधानी

अगर दाद शरीर के निजी अंगों के आसपास है, तो बरतनी होगी खास सावधानी।

Written by Yogita Yadav |Updated : July 12, 2018 3:55 PM IST

दाद यानी रिंग वर्म बहुत जल्‍द फैलने वाला रोग है। यह शरीर के विभिन्न अंगों को भिन्न-भिन्न तरह से प्रभावित करता है। चिकित्‍सा की भाषा में इसे रिंग-वर्म, दाढ़ी (“टिनिया-बार्बे”/"tinea-barbae"), शरीर (“टिनिया-कार्पोरिस”/"tinea-corporis"), पैर (“टिनिया-पेडिस”/"tinea pedis" जिसे एथलीट्स फूट भी कहते हैं), ग्रोइन एरिया (टिनिया-क्रूरिस”/"tinea-cruris" जिसे जोक इच भी कहते हैं) और स्कैल्प (टिनिया-कैपिटिस”/"tinea-capitis") की श्रेणी में बांटा गया है।

जब हो पार्टनर को दाद  

दाद यानी रिंग-वर्म अत्यधिक छूआछूत वाला रोग है और आमतौर पर बच्चों में पाया जाता है, परंतु यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। यह, संक्रमित मानव, जानवर या वस्तुओं के स्पर्श से फैल सकता है। यह पालतू पशुओं से मनुष्‍यों को, मनुष्‍यों से मनुष्‍यों को और शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भी बहुत जल्‍दी संचरित होता है। इसलिए जरूरी है कि जिस किसी को भी दाद यानी रिंग वर्म हो वह बहुत सावधानी बरतेें। अगर दाद शरीर के निजी अंगों के आसपास है, तो उस दौरान सेक्‍स से परहेज करें।

Also Read

More News

couple-monsoon

लें चिकित्‍यकीय परामर्श 

दाद पर कोई भी घरेलू इलाज करने से बेहतर है कि डॉक्‍टर से सलाह लें। यह जितनी छोटी, उतनी जल्‍दी फैलने वाली बीमारी है। इसलिए जितनी जल्‍दी इसकी पहचान होगी, उतना ही जल्‍दी इसके उपचार में आसानी होगी। स्किन स्‍पेशलिस्‍ट या डर्मेटोलोजिस्ट देख कर भी रिंग-वर्म को पहचान सकते हैं। कुछ मामलों में डाक्टर त्वचा की खुरचन को माइक्रोस्कोप द्वारा जाँचने का या उसकी बायोप्सी कराने की भी सलाह देते हैं।

बचाव 

  • त्वचा को साफ और सूखा रखें: दाद होने पर जरूरी है कि अपनी त्वचा को अच्‍छे साबुन से धोकर साफ और सूखा रखें। दाद अकसर नमी और ढके हुए अंगों पर ज्‍यादा फैलता है। इसलिए निजी अंगों की स्‍वच्‍छता पर भी विशेष ध्‍यान दें। शरीर के ढके हुए अंगों को सुखाने के लिए एंटी फंगल पाउडर का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं।
  • टाइट कपड़ों से करें परहेज : गर्मी और मानसून के मौसम में अकसर पसीने और बारिश से कपड़े भीग जाते हैं। कई बार घर से बाहर होने पर इन्‍हीं गीले कपड़ों में देर तक रहना पड़ सकता है। इसलिए मानसून में कपड़ों का एक्‍स्‍ट्रा वर्किंग प्‍लेस पर जरूर रखें। इसके अलावा टाइट ब्रीफ, पेंटी या ब्रा पहनने से भी परहेज करें। टाइट कपड़ों में पसीना ज्‍यादा आता है और लगातार त्‍वचा के संपर्क में रहता है, जिससे दाद होने का जोखिम रहता है।
  • इस्‍तेमाल करें एंटी फंगल पाउडर : महिलाएं खासतौर से मानसून के मौसम में एंटी फंगल पाउडर का इस्‍तेमाल करें। शरीर के वे हिस्‍से जहां पर कसाव अधिक हो, ब्रा स्‍टेप, पेंट की बेल्‍ट या पेटीकोट आदि की जगहों पर पहनने से पहले पाउडर छिड़कें। ताकि कपड़े की रगड़ से इन हिस्‍सों में जलन पैदा न हो।

personal-hygiene

 बरतें सावधानी 

  • दूसरे लोगों के स्पर्श से बचें क्योंकि यह संक्रमण अत्यधिक छूआछूत से फैलने वाला होता है। अधिकांश मामलों में रिंग-वर्म को डेवेलप होने में 10 मिनट से भी कम समय लगता है।
  • संक्रमित एरिया में बैंडेज न लगाएँ।
  • यदि इलाज़ न किया जाय तो रिंग-वर्म आपके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है जिससे उसका इलाज़ और मुश्किल हो जाएगा।
  • रिंग-वर्म के स्पर्श के बाद अपने हाथ हमेशा साफ कर लें।
  • वस्त्र, खेल के सामान, तौलिये या चादर आदि किसी से साझा न करें।
  • संक्रमित पालतू जानवरों का भी इलाज़ कराएं।
  • नंगे पैर न टहलें, समुद्र के किनारे सुरक्षात्मक जूते पहन कर जाएं।

चित्रस्रोत: Shutterstock.