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क्या प्रेगनेंट महिला को HIV इंफेक्शन हो सकता है?

क्या प्रेगनेंट महिला को HIV इंफेक्शन हो सकता है?

जानें गर्भवती मां को एचआईवी (HIV) का कितना खतरा है?

Written by Editorial Team |Published : January 9, 2018 5:26 PM IST

हालांकि एक प्रेगनेंट महिला का एचआईवी इंफेक्शन होने की संभावना बहुत कम है लेकिन फिर भी इसका ख़तरा पूरी तरह से खत्म नहीं होता। जी हां, प्रेगनेंसी के दौरान, शरीर में होने वाले बहुत से हार्मोनल परिवर्तनों के कारण एक महिला की सेक्सुअल डिज़ायर बहुत अधिक या कमज़ोर हो सकती है। लेकिन अगर गर्भवती होने के दौरान प्रेगनेंट मां असुरक्षित सेक्स करती है, तो संभावना है कि वह इस दौरान एचआईवी संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हो सकती है। अगर वह अपने पार्टनर के साथ असुरक्षित सेक्स करती है, (जो एचआईवी वायरस से संक्रमित हो) तो वायरस उसके शरीर में भी दाखिल हो सकते हैं।

'जब एक महिला गर्भवती होती है, वह एचआईवी संक्रमण से प्रतिरक्षा नहीं करती है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान, इम्यूनिटी या रोगप्रतिरोधक शक्ति कम होने पर, किसी भी प्रकार के संक्रमण के संपर्क में आने की संभावना अधिक होती है। एचआईवी संक्रमण 2 तरीकों से हो सकता है: असुरक्षित सेक्स के दौरान या वायरस वाले खून या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के जरिए जैसे- खून चढ़ाने, सीमेन (या पुरुष को वैजाइनल डिस्चार्ज के सम्पर्क में आने से), इसलिए अगर गर्भवती महिला को एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ाया जाता है या वह एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के सीमेन के संपर्क में आती है, तो उसे प्रेगनेंसी के दौरान भी वायरस मिल सकता है।,'' यह कहना है, ज़ेन अस्पताल,मुंबई की कंसल्टेंट गायनकोलॉजिस्ट डॉ. गौरी गोरे का।

प्रेगनेंसी में एचआईवी (HIV) इंफेक्शन का पता कैसे लगाया जा सकता है?

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कोई प्रेगनेंट महिला एचआईवी से ग्रस्त है या नहीं, यह पता लगाने के लिए एक ब्लड टेस्ट की आवश्यकता होगी। यह प्रेगनेंसी के दौरान किए जानेवाले साधारण ब्लड टेस्ट्स के दौरान किया जा सकता है, जहां गर्भवती मां की विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों का पता लगाने के लिए जांच की जाती है। हालांकि, अगर गर्भवती मां को असुरक्षित सेक्स और उसके बाद एचआईवी संक्रमण होने का डर है तो डॉक्टर से बात करना और वायरस का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराना उचित है। इसके अलावा, महिला को पीईपी या पोस्ट एक्सपोजर प्रॉफिलैक्सिस (post-exposure prophylaxis) ट्रीटमेंट लेनी पड़ेगी, जहां एआरटी (ART) दवाएं दी जाती हैं, जो एचआईवी के लिए इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव गोलियों की तरह काम करती हैं। वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए एंटीरेट्रोवाइरल दवाएं 28 दिनों तक खानी चाहिए। यह पद्धति आम तौर पर काफी असरदार होती है लेकिन इसे सेक्स के 72 घंटों के भीतर शुरू कर देना चाहिए।

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अनुवादक: Sadhana Tiwari

चित्रस्रोत: Shutterstock.

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