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स्तन कैंसर (Breast Cancer) वाली रजोनिवृत्त महिलाओं में हृदय रोग का अधिक खतरा होता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाया है। वर्जीनिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जोआन पिंकर्टन ने कहा, "कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और एरोमाटेज इनहिबिटर्स के उपयोग (जो एस्ट्रोजन को कम करते हैं) की वजह से स्तन कैंसर (Breast Cancer) के लिए उपचारित महिलाओं में दिल की बीमारी अधिक देखी जाती है।"
स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बाद हृदय जोखिम विकिरण के संपर्क में आने के पांच साल बाद यह रोग हो सकता है और इसका जोखिम 30 साल तक बना रहता है। पिंकर्टन ने कहा, "हृदय-स्वस्थ जीवन शैली में संशोधन से आवर्ती स्तन कैंसर और हृदय रोग के विकास के जोखिम दोनों में कमी आएगी।" स्तन कैंसर से बची हुई महिलाओं और जिन महिलाओं को स्तन कैंसर है, उन रजोनिवृत्ति महिलाओं में हृदय रोग के लिए जोखिम कारकों की तुलना और मूल्यांकन करना अध्ययन का लक्ष्य था।
शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का प्रमुख कारण होती है। शरीर की आवश्यकता अनुसार यह कोशिकाएं बंट जाती है, लेकिन जब यह लगातार वृद्धि करती हैं तो कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसी प्रकार स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि, स्तन कैंसर का मुख्य कारण है। कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं।
स्तन कैंसर होने पर पहले या दूसरे चरण में ही इसका पता चल जाने से सही समय पर इसका इलाज संभव है। लेकिन इस बारे में पता चलना भी आपकी जागरूकता पर निर्भर करता है। यदि आप स्तर कैंसर के प्रति जागरूक हैं, तो इसके लक्षणों को पहचानकर आप इसका इलाज सही समय पर करवा सकते हैं।
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स्तन के आकार में बदलाव महसूस होना , स्तन या बांह के नीचे की ओर टटोलने पर गांठ महसूस होना, स्तन को दबाने पर दर्द होना, कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होता, निप्पल के अग्रभाग का मुड़ना एवं रंग लाल होना, स्तनों में सूजन आ जाना, स्तन कैंसर के प्रमुख हैं, जिनके महसूस होने पर सतर्क होकर इससे बचने के उपाय करना बेहद आवश्यक है।
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