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स्तन कैंसर से बढ़ जाता है हृदय रोग का खतरा, इन उपायों से करें बचाव

स्तन कैंसर से बढ़ जाता है हृदय रोग का खतरा, इन उपायों से करें बचाव
स्तन कैंसर वाली रजोनिवृत्त महिलाओं में हृदय रोग का अधिक खतरा होता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाया है। © Shutterstock.

अगर आपकी दिनचर्या संतुलित नहीं है, उसमें व्याएयाम और योग शामिल नहीं है, तो आपके किसी भी बीमारी की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है। ब्रेस्टक कैंसर के लिए उत्तसरदायी अन्य कारणों में ये दो कारण भी हैं। हाल ही में हुए अध्यउयन में यह सामने आया है कि ब्रेस्टद कैंसर के इलाज के बाद भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।

Written by Yogita Yadav |Published : June 20, 2019 9:15 AM IST

स्तन कैंसर (Breast Cancer) वाली रजोनिवृत्त महिलाओं में हृदय रोग का अधिक खतरा होता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाया है। वर्जीनिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जोआन पिंकर्टन ने कहा, "कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और एरोमाटेज इनहिबिटर्स के उपयोग (जो एस्ट्रोजन को कम करते हैं) की वजह से स्तन कैंसर (Breast Cancer) के लिए उपचारित महिलाओं में दिल की बीमारी अधिक देखी जाती है।"

बना रहता है जोखिम 

स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बाद हृदय जोखिम विकिरण के संपर्क में आने के पांच साल बाद यह रोग हो सकता है और इसका जोखिम 30 साल तक बना रहता है। पिंकर्टन ने कहा, "हृदय-स्वस्थ जीवन शैली में संशोधन से आवर्ती स्तन कैंसर और हृदय रोग के विकास के जोखिम दोनों में कमी आएगी।" स्तन कैंसर से बची हुई महिलाओं और जिन महिलाओं को स्तन कैंसर है, उन रजोनिवृत्ति महिलाओं में हृदय रोग के लिए जोखिम कारकों की तुलना और मूल्यांकन करना अध्ययन का लक्ष्य था।

क्‍या है स्‍तन कैंसर

शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्ध‍ि कैंसर का प्रमुख कारण होती है। शरीर की आवश्यकता अनुसार यह कोशि‍काएं बंट जाती है, लेकिन जब यह लगातार वृद्धि करती हैं तो कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसी प्रकार स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्ध‍ि, स्तन कैंसर का मुख्य कारण है। कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं।

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हो सकता है इलाज

स्तन कैंसर होने पर पहले या दूसरे चरण में ही इसका पता चल जाने से सही समय पर इसका इलाज संभव है। लेकिन इस बारे में पता चलना भी आपकी जागरूकता पर निर्भर करता है। यदि आप स्तर कैंसर के प्रति जागरूक हैं, तो इसके लक्षणों को पहचानकर आप इसका इलाज सही समय पर करवा सकते हैं।

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पहचानें इसके लक्षण

स्तन के आकार में बदलाव महसूस होना , स्तन या बांह के नीचे की ओर टटोलने पर गांठ महसूस होना, स्तन को दबाने पर दर्द होना, कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होता, निप्पल के अग्रभाग का मुड़ना एवं रंग लाल होना, स्तनों में सूजन आ जाना, स्तन कैंसर के प्रमुख हैं, जिनके महसूस होने पर सतर्क होकर इससे बचने के उपाय करना बेहद आवश्यक है।

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बचना है तो करें ये उपाय

  • एक्सरसाईज और योगा को नियमित तौर करें
  • नमक का अत्यधिक सेवन न करें
  • रेड मीट के अधि‍क सेवन से बचें
  • सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
  • अधिक मात्रा में धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
  • गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें।