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Breast Cancer Awareness Month 2021 : भारत में 3 में से 1 महिला को है 'ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर', जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

Breast Cancer Awareness Month 2021 : भारत में 3 में से 1 महिला को है 'ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर', जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

ब्रेस्ट कैंसर के इस प्रकार के बारे में अभी लोगों को बहुत अधिक जानकारी नहीं है। खासकर, 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में इस प्रकार के कैंसर के होने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है।

Written by Sadhna Tiwari |Updated : October 16, 2021 12:48 AM IST

Triple Negative Breast Cancer: महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी बहुत कॉमन हो चली है। साल दर साल महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer in women) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ब्रेस्ट कैंसर के सबसे प्रमुख प्रकारों में एक प्रकार का कैंसर है, 'ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट  कैंसर' ( Triple Negative Breast Cancer) जिसे, ब्रेस्ट कैंसर के सबसे आक्रामक प्रकार के तौर पर जाना जाता है। हालांकि, ब्रेस्ट कैंसर के इस प्रकार के बारे में अभी लोगों को बहुत अधिक जानकारी नहीं है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer in India) हर 3 में से 1 मरीज में ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (Triple Negative Breast Cancer In India) पाया जाता है। खासकर, 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में इस प्रकार के कैंसर के होने की आशंका (Risk of breast cancer in women in India) बहुत ज़्यादा होती है।

ऐसे में 'ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर' के बारे में महिलाओं को अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराने और उनमें कैंसर के इस टाइप के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है। ब्रेस्ट कैंसर के खतरे और इससे जुड़ी अन्य जानकारी महिलाओं तक पहुंचाने के लिए हर वर्ष अक्टूबर महीने में वैश्विक स्तन कैंसर जागरूकता माह (Breast Cancer Awareness Month 2021) मनाया जाता है। विश्व कैंसर अनुसंधान निधि की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर के तकरीबन 19.3 मिलियन मामलों की पुष्टि की गयी। आइए जानें ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण, निदान और इलाज के बारे में।  (Triple Negative Breast Cancer In Hindi)

'ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर' के कारण क्या हैं?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मानव शरीर में पाए जाने वाले जीन के 2 मुख्य प्रकार बीआरसीए1 (BRCA1) और बीआरसीए2 (BRCA2) हैं। जब, इन दोनों जीन के लिए शरीर में ठीक तरीके से कार्य करना संभव नहीं होता तो, ऐसी स्थिति में ‘ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर’ होने का रिस्क (Risk Of Triple Negative Breast Cancer) बहुत अधिक बढ़ जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि, ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर अधिक गम्भीर और आक्रामक तो होता ही है साथ ही यह स्तन कैंसर के अन्य प्रकारों (Types of breast cancer) की तुलना में एक हाई ग्रेड कैंसर (High-grade cancer) माना जाता है। यही वजह है कि जब महिलाओं को यह पता चलता है कि उन्हें ‘ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर’ है तो वे बहुत अधिक डर जाती हैं। इन महिलाओं में निराशा, दुख और डर की भावना बहुत ज़्यादा हो सकती है और उन्हें ब्रेस्ट कैंसर से मृत्यु  (risk of death due to breast cancer in women)का डर भी बहुत अधिक महसूस हो सकता है।

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कैसे होता है ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का निदान

मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल (Apollo Spectra Hospital)  में ओंको ब्रेस्ट सर्जन डॉ. रेशमा पालेप (Dr. Reshma Palep) के अनुसार, इस तरह के  कैंसर का जल्द डायग्नोसिस और प्रबंधन करना बहुत अहम है। डॉ. रेशमा कहती हैं कि,  इन कैंसरस सेल्स में में एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर्स (progesterone receptors) अथवा एचईआर 2 प्रोटीन (HER2 Protein ) की मात्रा बहुत कम होती है। इस टाइप के कैंसर में हार्मोन थेरेपी दवाइयों या HER2 प्रोटीन रिसेप्टर्स को टारगेट करने वाली अन्य प्रकार की मेडिकेशन्स के साथ तालमेल नहीं बैठ पाता। नतीजनतन इस प्रकार के कैंसर का पता लगाना मुश्किल बन जाता है इसका इलाज थोड़ा जटिल और लम्बा भी हो सकता है।

हालांकि, अधिकांश केसेस में ब्रेस्ट कैंसर सेल्स (Cancer cells) में ये हार्मोन रिसेप्टर्स (hormone receptors) भी मौजूद होते हैं जिससे, इनके इलाज में आसानी होती है। लोगों को यह समझना होगा कि, किसी भी महिला में ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर पाया जा सकता है। हालांकि, कई रिसर्च और स्टडीज के अनुसार, कम उम्र की महिलाओं में इस प्रकार के कैंसर की संभावना (risk of triple negative breast cancer in women groups) अधिक है। 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क  अधिक होता है। डॉ. रेशमा के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर के बाकी प्रकारों का डायग्नोसिस 60 साल या उससे अधिक आयु की महिलाओं में भी किया जाता है। (diagnosis of breast cancer in women in 60's)

पीड़ितों में दिखतें हैं ये लक्षण

कोहिनूर हॉस्पिटल, मुंबई (Kohinoor Hospital,  Mumbai) के हेड ओंको सर्जन डॉ. अमित गांधी (Dr. Amit Gandhi) कहते हैं कि, ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर को चूंकि अधिक आक्रामक माना जाता है और ब्रेस्ट कैंसर के अन्य टाइप्स (most common types of breast cancer) की तुलना में इसका निदान भी आसानी से या जल्दी नहीं होता है। इसी तरह ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर को बाकी प्रकार के  कैंसर से ज्यादा गम्भीर बताया जाता है। ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (Symptoms of triple negative breast cancer) में दिखने वाले लक्षणों में ये समस्याएं प्रमुख हैं-

  • ब्रेस्ट के अंदर या ऊपरी हिस्से में गांठ बनना (Lumps or masses felt on or within a breast)
  • त्वचा में जलन
  • निप्पल में सेंसेशन
  • निप्पल के आसपास की त्वचा का रंग बदलना (changes in skin color of nipples and breast)
  • खुजली (itchiness in breast and around nipple)
  • बहुत अधिक जकड़न
  • त्वचा का रंग लाल पड़ना (redness on skin)
  • ब्रेस्ट में सूजन
  • ब्रेस्ट के आकार में बदलाव (change in the size or shape of one or both breasts)
  • निप्पल के आसपास की त्वचा का छिलना या पपड़ी निकलना (Changes in the appearance of one or both nipples)
  • ब्रेस्ट में दर्द (Breast pain)
  • ब्रेस्ट से ब्रेस्ट मिल्क के अलावा तरल पदार्थों का रिसाव (Nipple discharge)

ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of triple negative breast cancer)

डॉ. गांधी ने बताया कि,  ब्रेस्ट में ट्यूमर (tumor in breast) का पता लगने के बाद पीड़ित की आयु को ध्यान में रखते हुए उन्हें ब्रेस्ट सोनोग्राफी (breast sonography) या मैमोग्राफी (mammography) कराने की सलाह दी जाती है। अगर पीड़ित महिला की उम्र 35 वर्ष से कम है तो उनकी सोनोग्राफी की जाती है जबकि, अगर पीड़ित की उम्र 35 साल से अधिक है तो उनकी मैमोग्राफी करायी जा सकती है।

ट्यूमर (Tumor) का पता चलने के बाद अंतिम निदान करना मुमकिन हो पाता है। इस प्रकार के कैंसर में उपचार और इलाज के तरीके हर महिला के लिए भिन्न हो सकते हैं। लेकिन, इस घातक कैंसर की ट्रीटमेंट ( Treatment Of Triple Negative Breast Cancer) के लिए सर्जरी (Surgery), लम्पेक्टोमी (Lumpectomy Of Breast) , मास्टेक्टॉमी ( mastectomy), रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) और कीमोथेरेपी (chemotherapy) जैसे तरीके अपनाए जा सकते हैं।